बेंगलुरु. हैदराबाद में सनराइजर्स के खिलाफ करारी हार के बाद दृश्य कुछ ऐसा था कि मैं और विराट होटल वापसी के लिए आरसीबी बस में बैठे थे। उन्होंने मुझे देखा, मैंने उन्हें देखा। मगर कहने के लिए कुछ नहीं था। हमने इस सबकी उम्मीद नहीं की थी। हम एक टीम की तरह बीते दो हफ्ते से ज्यादा समय से साथ हैं और हमने काफी कड़ी मेहनत की है। हमारी तैयारी शानदार थी और टीम भी संतुलित महसूस कर रही थी। हमें मैच जीतना चाहिए था। फिर भी हम नहीं जीत पा रहे हैं। हमने तीन मैच खेले और तीनों हारे हैं। ऐसे में आरसीबी के समर्थक एक और निराशाजनक सीजन को लेकर आशंकित होंगे।
खुद में विश्वास बनाए रखना चुनौती
टी-20 क्रिकेट में कुछ पल आपके खिलाफ जाते हैं और आप सब कुछ खो देते हैं। सनराइजर्स के प्रदर्शन का श्रेय नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन अगर वॉर्नर के बल्ले का किनारा लेने वाली गेंदें गैप की जगह फील्डरों के हाथ में गिरती तो मैच का नतीजा अलग होता। हमारी मुख्य चुनौती खुद में विश्वास बनाए रखने की है ना केवल टीम के तौर पर बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी।
पूरी टीम का प्रदर्शन बाहर आएगा
क्रिकेट बेशक एक टीम का खेल है लेकिन मुश्किल समय में एक बल्लेबाज या गेंदबाज के तौर पर अपनी क्षमताओं के जरिए आपको कड़ी लड़ाई लड़नी पड़ती है। इससे टीम का एकजुट प्रदर्शन सामने आता है। हमारा अगला मैच जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ है। ये अलग बात है कि राजस्थान भी अपने शुरुआती तीन मैच हार चुकी है। हम अपने प्रदर्शन से बेहद निराश हैं लेकिन विश्वास दिलाते हैं कि विराट, मैं और टीम के बाकी खिलाड़ी लंबे समय तक चुप नहीं बैठेंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link