पूर्व क्रिकेटर्स ने कहा- तकनीक के इस दौर में ऐसी गेंद की कभी अनदेखी नहीं होनी चाहिए

[ad_1]


खेल डेस्क. मुंबई इंडियंस ने गुरुवार को आईपीएल-12 के 7वें मैच में मुंबई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 6 रन से हरा दिया। बेंगलुरु को जीत के लिए मैच की आखिरी गेंद पर 7 रन चाहिए थे। स्ट्राइक पर एबी डिविलियर्स थे और लसिथ मलिंगा के हाथों में गेंद थी। मलिंगा ने गेंद फेंकी, उनका पैर क्रीज से बहुत बाहर था। इसके बावजूद अंपायर ने उसे नो बॉल नहीं दिया और मुंबई की जीत पर मुहर लग गई।

अंपायर के इस फैसले से बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली और मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा भी काफी नाराज दिखे। पूर्व क्रिकेटर्स का भी कहना है कि इतनी आधुनिक तकनीक उपलब्ध होने के बावजूद इस तरह की नो बॉल की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अंपयार सुंदरम रवि के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ट्वीट किया, ‘इतनी तकनीक के युग और लगातार नजर रखने के बावजूद नो बॉल्स कभी भी मिस नहीं होनी चाहिए।’

https://platform.twitter.com/widgets.js

इंग्लैंड के एक और पूर्व कप्तान केविन पीटरसन अंपायर के फैसले से खुश नहीं दिखे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जिस तकनीक की दुनिया में हम में जी रहे हैं, वहां ऐसा नहीं होना चाहिए। कहानी का अंत!’

##https://platform.twitter.com/widgets.js

दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कप्तान कप्तान फाफ डुप्लेसिस का मत है कि इस तरह के मामलों में थर्ड अंपायर को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा बार तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए… सभी फॉर्मेट में बहुत सारे फ्रंट फुट नो-बॉल हर समय छूट जाते हैं। केवल बल्लेबाज के आउट होने की जांच होती है। थर्ड अंपायर को फील्ड अंपायर को बताना चाहिए कि एक नो-बॉल डाली गई है।’

##https://platform.twitter.com/widgets.js

कमेंटेटर और पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने लिखा, ‘मलिंगा के ओवर की आखिरी गेंद नो-बॉल थी। बड़ा मामला है। अंपायर ने इसे मिस कर दिया। भारी गलती। विश्वास नहीं हो रहा।’

##https://platform.twitter.com/widgets.js

आकाश चोपड़ा 2013 में भी यह मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने तब यू-ट्यूब पर अपने चैनल पर मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच हुए मैच का हवाला देते हुए कहा था, ‘किसी बल्लेबाज के आउट होने की दशा में ही फील्ड अंपायर मामले को थर्ड अंपायर से सलाह लेते हैं। अंपायर यदि अक्सर ऐसी ही नो बॉल मिस कर रहे हैं तब तकनीक का इस्तेमाल करने की क्यों नहीं इजाजत दी जानी चाहिए।’

##https://platform.twitter.com/widgets.js

पूर्व क्रिकेटर दीप दास गुप्ता ने कहा, शर्म की बात है कि इस तरह के अद्भुत खेल का अंत एक विवाद के साथ हुआ। मेरा यही पक्ष है।

##https://platform.twitter.com/widgets.js

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


मलिंगा की नो-बॉल (लाल घेरे में लाइन से बाहर उनका पैर)।

[ad_2]
Source link

Translate »