खेल डेस्क. मुंबई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आईपीएल के 7वें मुकाबले में छह रन से हराया दिया। बेंगलुरु को जीत के लिए आखिरी ओवर में 17 रन बनाने थे। उसने मलिंगा के पहले पांच गेंद पर 10 रन बना लिए थे। आखिरी गेंद पर शिवम दुबे स्ट्राइक पर थे। मैच को टाई कराने के लिए उन्हें छह रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। हालांकि, मलिंगा की यह गेंद नो-बॉल थी। उनका पैर पॉपिंग क्रीज (गेंदबाजी साइड की क्रीज) से बाहर था, लेकिन अंपायर इसे नहीं देख सके। इससे बेंगलुरु को हार का सामना करना पड़ा।
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बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली ने अंपायर के इस फैसले पर निराशा जताई। वे गुस्से में किसी खिलाड़ी से हाथ भी नहीं मिलाना चाह रहे थे। उन्होंने कहा, “हम आईपीएल खेल रहे हैं, क्लब क्रिकेट नहीं। अंपायरों को अपनी आंखों को खोल कर रखना चाहिए। यह निर्णय बहुत ही खराब था।”
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कोहली के साथ-साथ मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस फैसले को लेकर निराशा जताई। उन्होंने कहा, “मुझे मैच खत्म होने के बाद पता चला कि आखिरी गेंद नो-बॉल थी। ऐसे फैसले क्रिकेट के लिए सही नहीं है। बुमराह की एक गेंद वाइड नहीं थी। खिलाड़ी इसे लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।”
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दूसरी ओर, बेंगलुरु के लिए डिविलियर्स ने 41 गेंद पर 70 रन बनाए। उन्हें पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला था। मयंक मार्कंडेय की गेंद उनके बल्ले से लगकर युवराज सिंह के पास गई, लेकिन वे इसे पकड़ नहीं सके। हालांकि, उनकी इस गलती से मुंबई हारा नहीं। अगर डिविलियर्स बेंगलुरु को मैच में जीत दिला देते तो मुंबई के लिएहार के जिम्मेदार युवराज ही होते।
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युवराज ने इस मैच में अपनी तेज तर्रार बल्लेबाजी का नमूना भी दिखाया। उन्होंने भारत के टॉप लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की गेंद पर लगातार तीन छक्के लगाए। चौथी गेंद पर बाउंड्री लाइन पर मोहम्मद सिराज ने उनका कैच ले लिया, नहीं तो वह भी छक्का ही हो जाता।