खेल डेस्क. क्रिकेट के नियमों के कस्टोडियन (संरक्षक) मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने रविचंद्रन अश्विन को क्लीन चिट दी है। अश्विन ने सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग के मैच के दौरान राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को ‘मांकड़िंग’ रन आउट कर दिया था। इस तरह आउट करने पर अश्विन की आलोचना हो रही थी। हालांकि, अश्विन ने कहा कि यह सहज प्रतिक्रिया थी, इसमें खेल भावना कहां से आ गई? अब क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अश्विन ने नियम के तहत ही बटलर को आउट किया है।
इसे लेकर एमसीसी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी किया है। इसमें उसने कहा है, ‘उक्त घटना के संबंध में,नियमों के शब्दों को परखने के लिए इसे विस्तार से समझने की जरूरत है। यह नियम जरूरी है। इसके बिना, नान स्ट्राइकर इंड पर खड़े बल्लेबाज को क्रीज से आगे निकलने की आजादी मिल जाएगी। ऐसी कार्रवाई को रोकने के लिए एक नियम की जरूरत है।’
गेंद फेंकने से पहले नान-स्ट्राइकर को चेतावनी देना जरूरी नहीं
उसने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि नियम में ऐसा कुछ नहीं है कि बॉल फेंके जाने से पहले क्रीज छोड़ रहे नान स्ट्राइकर को गेंदबाज चेतावनी देगा। ऐसे नान स्ट्राइकर को रन आउट करना क्रिकेट की भावना के खिलाफ भी नहीं है।’ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज शॉन टेट और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने अश्विन के रन आउट करने के तरीके को सही ठहराया था।
13वें ओवर में अश्विन ने बटलर को रनआउट किया था
राजस्थान-पंजाब के बीच मैच के दौरान 184 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही रॉयल्स की टीम 69 रन पर खेल रहे बटलर की क्रीज पर मौजूदगी के चलते मजबूत नजर आ रही थी। अश्विन पारी का 13वां ओवर फेंकने आए। वे 5वीं गेंद फेंकते-फेंकते रुक गए और इसी दौरान बटलर क्रीज से आगे निकल गए। अश्विन ने उन्हें रनआउट कर दिया। इस तरह से आउट होने के बाद बटलर झल्लाहट में नजर आए। उनकी अश्विन से बहस भी हुई। यह मैच रॉयल्स हार गई।
वीनू मांकड़ के नाम पर इस तरह के रनआउट को कहा जाता है ‘मांकड़िंग’
इस तरह के रनआउट को ‘मांकड़िंग’ पूर्व भारतीय कप्तान वीनू मांकड़ के नाम पर कहा जाता है। भारतीय टीम 1947 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी। मांकड़ बॉलिंग कर रहे थे और इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बिल ब्राउन क्रीज से आगे निकल गए। मांकड़ ने उन्हें रनआउट कर दिया था। मांकड़ को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, तब ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी संभाल रहे डॉन ब्रैडमैन ने उनका बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है, यह मैं समझ नहीं पा रहा हूं। क्रिकेट के नियम स्पष्ट हैं। बॉल फेंके जाने तक नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज को क्रीज में रहना होता है।
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