नई दिल्ली.भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों का जिक्र होता है तो भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू का नाम भी ऊपर आता है। 23 मार्च, 1931 को ही सुखदेव, राजगुरू और भगत सिंह को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। और आज़ादी के इन दीवानों ने भी बिना खौफ खाए फांसी के फंदे को चूम लिया। और देश के नाम कर दी अपनी जवानी। आज शहीद दिवस इन्ही की याद में मनाया जाता है। आज़ादी के ये युवा आंदोलनकारी आज भी हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत हैं लिहाज़ा शहीद दिवस के मौके पर आज हम भगत सिंह के वो विचार या यूं कहें कि शहीद दिवस कोट्स लेकर आए हैं जो आज भी उतने ही प्रासंगिक नज़र आते हैं जितने उस दौर में थे।
भगत सिंह के विचार
- व्यक्तियों को कुचलकर वे विचारों को नहीं मार सकते – भगत सिंह
- जिंदगी तो बस अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। – भगत सिंह
- प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज़ से बने होते हैं और देशभक्तों को लोग अक्सर पागल ही कहते हैं। – भगत सिंह
- कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे – भगत सिंह
- हवा में रहेगी , मेरे ख्याल की बिजली, ये मुस्ते खाक है फानी रहे, रहे न रहे – भगत सिंह
- किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं – भगत सिंह
- मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है – भगत सिंह
- कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगी – भगत सिंह
- किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते हैं – भगत सिंह
- राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है – भगत सिंह
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