खेल डेस्क. ऑस्ट्रेलियन ग्रांप्री की रविवार को फाइनल रेस के साथ ही फॉर्मूला-1 वर्ल्ड चैंपियनशिप का नया सीजन शुरू हो जाएगा। ऑस्ट्रेलियन ग्रांप्री सीजन की पहली रेस है। जबकि 21वीं और आखिरी रेस 1 दिसंबर को अबु धाबी में होगी। उसके बाद ही वर्ल्ड चैंपियन का फैसला होगा। पिछले दो बार की तरह इस बार भी लुईस हैमिल्टन और सेबेस्टियन वेटल के बीच वर्ल्ड चैंपियन बनने की होड़ रहेगी। लगातार दो बार के चैंपियन मर्सडीज के हैमिल्टन अपना खिताब बचाने उतरेंगे। जबकि फरारी के जर्मन रेसर वेटल के पास 5वीं बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका होगा।
शनिवार को ऑस्ट्रेलियन ग्रांप्री की तीसरी प्रैक्टिस रेस और क्वालिफाइंग रेस हुई। अल्बर्ट पार्क सर्किट पर 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन हैमिल्टन सबसे तेज रहे। उन्होंने 5.303 किमी का एक लैप पूरा करने में एक मिनट 20.486 सेकंड का समय लिया। इसी के साथ उन्होंने इस ग्रांप्री में ओवरऑल आठवीं और लगातार छठी बार पोल पोजीशन हासिल की। यानी वे अब रविवार को रेस में पहले नंबर से शुरुआत करेंगे। हैमिल्टन ने किसी एक ट्रैक पर सबसे ज्यादा 8 बार पोल पोजीशन हासिल करने के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की।
हैमिल्टन ने शूमाकर की बराबरी की
जर्मन रेसर माइकल शूमाकर जापान के सुजुका सर्किट और ब्राजीलियन रेसर आर्यटन सेना इटली के इमोला सर्किट पर 8-8 बार पोल पोजीशन से शुरुआत कर चुके थे। हैमिल्टन ने 230वीं रेस में 84वीं बार पोल पोजीशन हासिल की है। हैमिल्टन के टीम साथी वाल्टेरी बोटास दूसरे, वेटल तीसरे नंबर से शुरुआत करेंगे।
स्पीड 350 किमी/घंटे तक पहुंच जाती है, इसलिए 8 सेफ्टी टूल्स
- हालो: टाइटेनियम और कार्बन फाइबर से बना होता है। एक बस तक का वजन सह सकता है।
- सर्वाइवल सेल: क्रैश के समय एनर्जी एब्सॉर्ब करता है।
- हेलमेट: एडवांस्ड कंपोजिट मटेरियल से बना होता है। एयरोडायनामिक रेसर के सिर को एक जगह स्थिर रखती है।
- सीट: रेसर की बॉडी के हिसाब से मोल्ड हो जाती है।
- कॉकपिट: इसमें आग बुझाने का यंत्र होता है। रेसर स्टीयरिंग हटाकर 7 सेकंड में बाहर आ सकता है।
- बायोमैट्रिक ग्लव्स: सेंसर की मदद से दिल की धड़कन और ब्लड में ऑक्सीजन सर्कुलेशन का मेजरमेंट करता है।
- हेड और नेक सपोर्ट डिवाइस: हेलमेट से इलास्टिक स्ट्रैप्स जुड़ी रहती हैं। क्रैश के समय सिर और गर्दन को बचाती हैं।
- हार्निस: 6 पॉइंट का सीट बेल्ट होता है।
हर रेस में 10 टीमें हिस्सा लेती हैं, हर टीम में दो रेसर होते हैं
टीम | रेसर |
मर्सडीज | लुईस हैमिल्टन, वाल्टेरी बोटास |
फरारी | सेबेस्टियन वेटल, चार्ल्सलेकलेर्क |
रेड बुल | मैक्स वर्सटापेन, पियरे गेसले |
रेसिंग पॉइंट | सर्जियो पेरेज, लांस स्ट्रोल |
रेनो | निको हल्केनबर्ग, डेनियल रिकियार्डो |
विलियम्स | रॉबर्ट कुबिका, जॉर्ज रसेल |
मैक्लारेन | कार्लोस सेंज, एल. नॉरिस |
टोरो रोसो | डेनियल व्याट, एलेक्जेंडर एलबोन |
हास | रोमेन ग्रोसजीन, केविन मैग्नसन |
अल्फा रोमियो |
किमी राइकोनेन, एंटोनियो जियोविनाज |
फॉर्मूला-1 कैलेंडर
इस सीजन में 21 रेस होनी हैं। सीजन 17 मार्च से शुरू होकर 1 दिसंबर को खत्म होगा। एफ-1 में पहली बार सीजन दिसंबर में खत्म होगा। हर रेस औसत 305 किमी की होगी। सिर्फ मोनाको ग्रांप्री 260 किमी की होगी।
ग्रांप्री | वेन्यू | तारीख |
ऑस्ट्रेलियन | मेलबर्न | 17 मार्च |
बहरीन | साखिर | 31 मार्च |
चाइनीज | शंघाई | 14 अप्रैल |
अजरबेजान | बाकू | 28 अप्रैल |
स्पेनिश | मोंटमेलो | 12 मई |
मोनाको | मोंटे कार्लो | 26 मई |
कनाडियन | मांट्रियल | 9 जून |
फ्रेंच | ली केस्टलेट | 23 जून |
ऑस्ट्रियन | स्पीलबर्ग | 30 जून |
ब्रिटिश | सिल्वरस्टोन | 14 जुलाई |
जर्मन | होकेनहेम | 28 जुलाई |
हंगेरियन | मोगयोरोड | 4 अगस्त |
बेल्जियम | स्टावेलोट | 1 सितंबर |
इटैलियन | मोंजा | 8 सितंबर |
सिंगापुर | सिंगापुर | 22 सितंबर |
रशियन | सोच्चि | 29 सितंबर |
जापानी | सुजुका | 13 अक्टूबर |
मैक्सिकन | मैक्सिको सिटी | 27 अक्टूबर |
यूएस | ऑस्टिन | 3 नवंबर |
ब्राजीलियन | साओ पाउलो | 17 नवंबर |
अबु धाबी | अबु धाबी | 1 दिसंबर |
1950 में पहली रेस हुई थी, फेरिना जीते थे
पहली फॉर्मूला-1 रेस 1950 में सिल्वरस्टोन (ब्रिटेन) में हुई थी। यह रेस अल्फा रोमियो के इटैलियन रेसर गियुसेप्पेफेरिना ने जीती थी। अगले साल अर्जेंटीना के जुआन मैनुअल फेंगियो चैंपियन बने।
शूमाकर सफल रेसर, फरारी सफल टीम
माइकल शूमाकर सबसे सफल रेसर हैं। वे 7 बार वर्ल्ड चैंपियन बने हैं। अर्जेंटीना के जुआन मैनुअल फेंगियो और ब्रिटेन के लुईस हैमिल्टन 5-5 खिताब के साथ दूसरे नंबर पर हैं। फरारी सबसे सफल टीम है। उसने 16 बार कंस्ट्रक्टर चैंपियनशिप का खिताब जीता है।
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