करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच मीटिंग की ये हैं खास बातें, 2 अप्रैल को होगी अगली बैठक

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नई दिल्ली. करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाक दोनों ही राज़ी है। दोनों देश अपने अपने क्षेत्रो में इस कॉरिडोर की आधारशिला रख चुके हैं तो वही गुरूवार को पंजाब के अटारी में पहली अधिकारिक सचिव स्तरीय बैठक संपन्न हुई। जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के अधिकारी मौजूद रहे। इस तीर्थयात्रा को बिना वीज़ा कराए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।ये बैठक काफी पॉजीटिव रही है वही अब दूसरी मीटिंग 2 अप्रैल को वाघा मेंं होगी। आज की बैठक भी कई मायनों में खास रही है।

भारत ने दिया हर दिन 5 हज़ार तीर्थयात्रियों को दर्शन की इजाज़त का प्रस्ताव
इस मीटिंग के दौरान सबसे खास बात ये रही कि भारत ने पाकिस्तान को सौंपे प्रस्ताव में मांग की है कि पाकिस्तान हर रोज़ कम से कम 5 हज़ार तीर्थयात्रियों को गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों की इजाज़त दें। जिसमें न सिर्फ भारतीय शामिल होंगे बल्कि भारतीय मूल के वो लोग जो दूसरे देशों में रहते हैं वो भी शामिल होंगे।

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खास दिनों में 10 हज़ार तीर्थयोत्रियों के दर्शन का प्रस्ताव
वही सिखों के खास दिनों जैसे गुरूपर्व और बैसाखी के मौके पर तीर्थयात्रियों की संख्या दुगनी करने का प्रस्ताव रखा गया है। भारत ने कहा कि इन खास पर्वो पर तकरीबन 10 हज़ार तीर्थयात्रियों को दर्शन करने का मौका मिले।

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करतारपुर कॉरिडोर क्या है?
आपको बता दें कि भारत में डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के करतारपुर के बीच कॉरिडोर बनना है जिसे करतारपुर कॉरिडोर का नाम दिया गया है। नवंबर, 2018 में भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने क्षेत्र में इसके निर्माण की नींव रखी थी। करतारपुर गुरूद्वारे को गुरू नानक की कर्मस्थली कहा जाता है।

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करतारपुर कॉरिडोर पर हुई बैठक

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