अमेरिका की मिकाएला ने एक सीजन में 15 खिताब जीते, 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

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खेल डेस्क. अमेरिका की स्कीयर मिकाएला शिफ्रिन ने स्लैलोम इवेंट का महिला वर्ल्ड कप जीत लिया। स्लोवेनिया के क्रांस्का गोरा में हो रहे इवेंट में मिकाएला ने पहला रन 0.37 सेकंड के अंतर से और दूसरा रन 0.85 सेकंड के अंतर से जीता। ये मिकाएला का इस सीजन में 15वां वर्ल्ड कप खिताब है। ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। इससे पहले कोई भी महिला या पुरुष स्कीयर एक सीजन में 15 खिताब नहीं जीत सका था।

मिकाएला की कुल 58वीं वर्ल्ड कप जीत
पिछला रिकॉर्ड एक सीजन में 14 वर्ल्ड कप जीत का था, जो 1988 में स्विट्जरलैंड की स्कीयर व्रेनी श्नाइडर ने कायम किया था। स्लैलोम इवेंट में एक दिन पहले तक मिकाएला तीसरे स्थान पर चल रही थीं। स्लोवाकिया की पेत्रा व्लहोवा ने लगातार मिकाएला पर बढ़त कायम रखी थी। लेकिन आखिरी दिन मिकाएला ने जबरदस्त कमबैक किया। ये मिकाएला की कुल 58वीं वर्ल्ड कप जीत है। मिकाएला की प्रेरणा है उनकी 19 साल की एक फैन, जिसे कैंसर है। मिकाएला ने ही अपनी और इस फैन की बॉन्डिंग का राज खोला।

मिकाएला को इस दौर की सर्वश्रेष्ठ स्कीयर माना जाता है, क्योंकि…

  • उन्होंने कठिन मानी जाने वाली स्लैलोम स्पर्धा का वर्ल्ड कप लगातार तीसरी बार जीता है।
  • पूरे करियर में मिकाएला शिफ्रिन कुल छह बार स्लैलोम वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी हैं।
  • मिकाएला स्कीइंग की दुनिया का क्रिस्टल ग्लोब भी जीत चुकी हैं।
  • इसके अलावा मिकाएला सुपर जी में गोल्ड और जायंट स्लैलोम में ब्रॉन्ज भी जीत चुकी हैं।
  • ओलिंपिक में 2 गोल्ड सहित 3 मेडल और वर्ल्ड चैंपियनशिप में 5 गोल्ड सहित 7 मेडल जीत चुकी हैं।

मिकाएला कहती हैं- ‘मेरी हर जीत दुनिया की उभरती हुई महिला एथलीट्स के नाम’
मिकाएला ने कहा, “जब मैं छोटी थी, तो तमाम बच्चों की तरह मेरा भी ख्वाब था कि मैं खूब खेलूं और खेल के जरिए ही नाम कमाऊं। आज इतने साल बाद दुनिया के अच्छे एथलीट्स के बीच अपना नाम देखना मुझे बेहद हैरान करता है। मेरी हर जीत दुनियाभर की तमाम उभरती हुई फीमेल एथलीट्स के नाम है। मैं ऐसा कह रही हूं क्योंकि एक दिन मेरी भी मुलाकात ऐसी एक फीमेल एथलीट से हुई थी, जिसने मुझे काफी प्रेरित किया और आज तक प्रेरित करती आ रही है।”

मिकाएला

‘सात साल पहले एमा से मिली थी’
उन्होंने आगे कहा, “जिस दिन मैंने अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था, उस दिन मेरी मुलाकात स्वीडन की एमा लन्डेल से हुई। 19 साल की एमा मेरी प्रशंसक की हैसियत से मुझसे मिलने आई थी। आत्मविश्वास और सकारात्मकता से भरपूर एमा से बात की तो पता चला कि उसे कैंसर है। उसकी कीमोथेरेपी चल रही थी। फिर भी स्कीइंग को लेकर उसकी पसंदगी और जुनून दोनों कम नहीं हुए हैं। वह स्कीइंग देखती भी है और स्कीइंग करने की भी ख्वाहिश रखती है। उस एक मुलाकात ने मुझे इतना प्रभावित किया कि आज उस मुलाकात को 7 साल बीत चुके हैं, फिर भी एमा ही मेरी प्रेरणा है।

‘एमा जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का उत्साह देती है’
मिकाएला ने कहा, “जिंदगी के साथ इस तरह संघर्ष करने की कहानी को आंखों के सामने देखने से जो प्रेरणा मिलती है, वह सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का उत्साह देती है। एमा से मिली प्रेरणा मेरी काफी मदद करती है। इसका उदाहरण देखिए। स्लैलोम इवेंट में मैं एक दिन पहले तक तीसरे स्थान पर चल रही थी। आज आखिरी दिन था। मेरे पास बचाकर रखने के लिए तो कुछ था नहीं, तो मैंने सबकुछ झोंक दिया। मैंने खुद से कहा- खतरा लेकर स्कीइंग करो, लड़कर स्कीइंग करो, लुत्फ लेकर स्कीइंग करो..उसके बाद जो भी होगा, देखा जाएगा।”

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मिकाएला शिफ्रिन।

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