दुबई. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को झटका लगा है। क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने बोर्ड की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के साथ पूरी तरह से संबंध खत्म करने की मांग ठुकरा दी है। आईसीसी का कहना है कि इस तरह के मामलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी को एक पत्र लिखा था। इसमें आईसीसी और उसके सदस्य राष्ट्रों से आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों से संबंध खत्म करने की मांग की थी। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
बीसीसीआई को ऐसा होने की पहले से ही आशंका थी
बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘ऐसा कुछ भी नहीं होने की संभावना है। आईसीसी के अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है किसी भी देश को निष्कासित करने का फैसला सरकारी स्तर पर लिया जाता है और आईसीसी में ऐसा कोई नियम नहीं है। ऐसा होगा यह बीसीसीआई को पहले ही पता था, लेकिन फिर हमने एक चांस लिया।’
शशांक मनोहर की अध्यक्षता वाली बैठक में बीसीसीआई की मांग ठुकराई गई
यह मामला शनिवार को आईसीसी बोर्ड की बैठक के दौरान उठा। बैठक की अध्यक्षता आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर की थी। हालांकि, इस पर ज्यादा विचार-विमर्श नहीं हुआ। बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व बोर्ड के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने किया।हालांकि, बीसीसीआई ने अपने पत्र में पाकिस्तान को कोई हवाला नहीं दिया था। भारत सरकार ने पुलवामा हमले के लिएपाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराया है।
पीएसएल में खेलने वालों ने अब तक नहीं विरोध नहीं किया
बोर्ड के पदाधिकारी ने बताया, ‘सदस्य देशों के बहुत से खिलाड़ी पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में खेलते हैं। उन्होंने कभी इस तरह की मांग नहीं की। हां, सुरक्षा एक मुद्दा है और इस पर पर्याप्त चर्चा हुई।’ इस साल इंग्लैंड में 30 मई से 14 जुलाई तक वर्ल्ड कप के मुकाबले होने हैं। इसमें 16 जून को भारत का पाकिस्तान के बीच मैच होना प्रस्तावित है।
भारतीय टीम से पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने की मांग
पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े कूटनीतिक तनाव के मद्देनजर टीम इंडिया से इस मैच का बहिष्कार करने की मांग की गई है। इसमें सौरव गांगुली और हरभजन सिंह जैसे क्रिकेट जगत के कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। हालांकि, बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। उसका कहना है कि उसे सरकार के आदेश का इंतजार है।
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