Abhinandan Returns/ हमारा ‘अभिनंदन’ कुछ ही देर लौटेगा अपनी धरती पर; इस वीर की पत्नी और पिता भी भारतीय वायुसेना को दे चुके हैं सेवाएं

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नई दिल्ली/चेन्नई. भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान आज पाकिस्तान से भारत लौटेंगे। उनके स्वागत के लिए पूरे देश में उत्साह है। वाघा बॉर्डर, जहां पाकिस्तान उन्हें भारत को सौंपेगा, वहां शुक्रवार सुबह से ही लोग तिरंगा हाथ में लिए नारेबाजी कर रहे हैं। बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन का परिवार तीन पीढ़ियों से सुरक्षा बलों में शामिल रहा है। उनकी पत्नी भी एयरफोर्स में रह चुकी हैं। एक बेटा है, जो अभी स्कूल में है। पाकिस्तानी सेना की हिरासत में आने के बाद विंग कमांडर ने निडर होकर अपना परिचय देते हुए कहा था- मेरा नाम विंग कमांडर अभिनंदन है। मेरा सर्विस नंबर 27981 है। मैं एक फ्लाइंग पायलट हूं और मेरा धर्म हिंदू है। अभिनंदन का जन्म 21 जून 1983 को हुआ। 19 जून 2004 को उन्हें वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट कमीशन मिला था। पत्नी 15 साल तक एयरफोर्स में बतौर स्क्वॉड्रन लीडर सेवाएं दे चुकी हैं। फिलहाल, वो एक निजी कंपनी में अफसर हैं।

जानिए कैसी है अभिनंदन की फैमिली?
विंग कमांडर अभिनंदन के परिवार में पिता एस. वर्तमान, मां शोभा, पत्नी तन्वी मरवाह और बेटा ताबिश हैं। पिता एयर मार्शल रह चुके हैं और उन्होंने करगिल जंग के दौरान अपना शौर्य दिखाया था। उनका सर्विस नंबर 13606 था। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है। विंग कमांडर अभिनंदन के दादा सिम्हाकुट्टी सेकंड वर्ल्ड वार यानी दूसरे विश्व युद्ध के समय वायुसेना में ही थे। विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के पहले पिता काफी भावुक थे। उन्होंने कहा- मैं अपने बेटे पर गर्व करता हूं। साथ ही उन्होंने देश भर से मिल रहे समर्थन और शुभकामनाओं के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। पाकिस्तान द्वारा अभिनंदन के जारी वीडियो पर उनके पिता ने कहा कि वह सच्चे सिपाही की तरह बात कर रहा था। वह कह रहा था कि पाकिस्तान ने उसपर कोई अत्याचार नहीं किया। वह सुरक्षित घर लौट आएगा। अभिनंदन की मां का नाम शोभा है और वो डॉक्टर हैं।

पिता के पदचिन्हों पर बेटा अभिनंदन
अभिनंदन ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर 2004 में वायु सेना ज्वॉइन की थी। उनके पिता एस वर्तमान 1973 में फाइटर पायलट बने थे। वे देश के उन चुनिंदा पायलटों में शुमार हैं, जिनके पास 40 तरह के विमान और 4000 घंटे से ज्यादा उड़ान भरने का अनुभव है। वे करगिल युद्ध के दौरान मिराज स्क्वाड्रन के चीफ ऑपरेशन्स ऑफिसर थे।

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भिनंदन एयरफोर्स के अपने साथियों के साथ।

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