खेल डेस्क. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारियों (सीईसी) की बैठक दुबई में बुधवार को होगी। इंग्लैंड और वेल्स में 30 मई से 14 जुलाई तक होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए यह बैठक अहम मानी जा रही है। पुलवामा हमले के बाद भारत के रूख को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि बीसीसीआई इसमें पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने का प्रस्ताव रखेगा। बीसीसीआई पहले ही पाकिस्तान को खेल समुदाय से अलग-थलग करने के लिए आईसीसी को पत्र लिख चुका है।
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पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 16 जून को खेलना है। पिछली बार दोनों टीमें दुबई में आमने-सामने हुईथीं। तब एशिया कप में भारत ने पाकिस्तान को हराया था।
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सीईसी की बैठक में आईसीसी वर्ल्ड कप में सुरक्षा को लेकर भारत के संदेहों को दूर करने की कोशिश करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि आईसीसी भारत-पाक के आगामी मैच से संबंधित किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता। वहीं, दूसरी तरफ दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले को बैठक में उठाने की बात कही थी।
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बीसीसीआई के पदाधिकारी ने इस बैठक को लेकर कहा, ‘‘इस दौरान वर्ल्ड कप के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था के बारे में सबको जानकारी देगी। यह सभी टीमों के लिए एक समान ही होगी। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने हमेशा ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी किसी देश को अन्य सदस्य देश से संबंध तोड़ने के लिए नहीं कह पाएगा, क्योंकि वह इस स्थिति में नहीं है। ऐसा करना सही नहीं होगा। यह एक कूटनीतिक मामला है। इसे सरकारी स्तर पर निपटाया जाना चाहिए।’’
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प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आईसीसी को पत्र लिखकर आंतकवाद के पोषक देशों को क्रिकेट से बहिष्कृत करने की मांग की थी। हालांकि, सीओए ने उस पत्र में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था। इस बैठक में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के उस पत्र पर चर्चा होने सकती है।
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पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और हरभजन सिंह सहित कई पूर्व क्रिकेटरों ने पाकिस्तान से नहीं खेलने के लिए कहा है। दूसरी ओर, सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ियों ने पाक से खेलकर दो अंक हासिल करने की बात कही। कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि वे बोर्ड और सरकार के फैसले के साथ जाएंगे।