नई दिल्ली. 14 फरवरी यानि की वेलेंटाइन डे, इस दिन दुनिया के अधिकतर हिस्सों में वेलेंटाइन डे (Valentine Day) सेलिब्रेट होता है। 14 फरवरी का इंतजार कई लोगों को बेसब्री से रहता है खास कर युवाओं को, जब वो किसी व्यक्ति विशेष को अपने दिल की बात बताने की कोशिश करते हैं कि वो उससे कितना प्यार करते हैं। कहते है “ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है….”। लेकिन, क्या सिर्फ यही हकीकत है इन प्यार, प्रेम, मोहब्बत, इश्क या लव जैसे शब्दों की। या फिर एक इस नजरिए पर भी नजर डालिए…‘ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय..’। लब्बोलुआब ये कि इस विषय पर जितना लिखा गया उतना शायद किसी दूसरे विषय पर नहीं। कोई प्यार की डगर को आग का दरिया बताता है तो कोई, इसे प्रेम का ढाई अक्षर बताकर उसके आत्मिक आनंद की तरफ इशारा करता है। हालांकि, भाव वही निस्वार्थ प्रेम। जिसके तरीके तो बदल सकते हैं लेकिन मायने कभी नहीं। यह प्रेम आदि और अनंत है। जब तक कायनात है, सृष्टि है तब तक प्रेम है- प्यार है। फिर आप इसे किसी भी नाम से पुकारिए। बहरहाल, इस प्यार को समझने या समझाने के लिए चाहे जो शब्द आप पसंद करें लेकिन सच्चाई सिर्फ ये है कि ‘प्यार अहसास है, इसे बताया नहीं महसूस किया जाता है।’ हम यहां आपको 6 बेहतरीन तस्वीरें दे रहे हैं। ये आपको उस अहसास का अहसास कराएंगी जो आप अकसर अहसास करते हैं।
1) आज बहुत देर हो गई..
फर्ज कीजिए, आप ऑफिस या अपने काम से घर लौटे और देर से लौटे। पिता फिक्रमंद हैं, बेटा अब तक घर क्यों नहीं आया? या बेटी अब तक क्यों नहीं लौटी। अचानक आप घर पहुंचते हैं। जैसे कोई चमत्कार कोई करिश्मा पिता की आवाज में जोश भरता है। वो पूछते हैं- अरे बेटा, आज बहुत देर हो गई। यही तो प्यार है। अगली बार जब आप देर से घर लौटेंगे तो यह अहसास पूरे रास्ते आपको अपने साथ महसूस होगा।
2) तू टेंशन मत ले…
जिंदगी है तो चुनौतियां हैं, संघर्ष हैं और मुश्किलात का सामना है। कभी महसूस किया कि आप किसी परेशानी से गुजर रहे हों। रास्ता नजर नहीं आता हो। फिर भाई चुपके से, हौले से कंधे पर हाथ रखता है और कहता है…भाई तू टेंशन ना ले, मैं हूं ना तेरे साथ। एक नई ऊर्जा मन में दौड़ जाती है। और फिर मन चंगा तो कटौती में गंगा।
3) मेरा बच्चा तो लाखों में एक…
कहते हैं दुनिया में मां से कीमती कोई नहीं। सच भी तो यही है। एक रोता, सिसकता शिशु जिसे बोलना नहीं आता। वो चुप नहीं होता, रोना बंद नहीं करता फिर चाहे आप उसे चंदा मामा ला दें या सूरज चाचू। मां आती हैं, आंचल में समेटती है। माथे पर होंठ रखकर कहती है- मेरा बच्चा लाखों में एक है। ये प्यार है। एक अदृश्य शक्ति। एक अहसास जिसको बयां करने के लिए दुनिया में आज तक अल्फाज या शब्द नहीं गढ़े गए।
4) कोई लड़की पसंद हो तो….
ऐसा नहीं कि सिर्फ भारतीय फिल्मों में देवर-भाभी की स्नेहिल ठिठौली या कहें मजाक दिखाया जाता है। भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों या ग्रामीण अंचलों में यह ममत्व भरा रिश्ता अकसर नजर आता है। देवर की शादी की बात हो रही हो। वो संकोच में अपने दिल की बात घरवालों से कह नहीं पा रहा हो। ऐसे में मां जैसी भाभी करीब आती है और पूछती है….ऐ हीरो…लड़की देखी है तेरे लिए। कोई और पसंद हो तो बता देना। महसूस कीजिए तो सही यही सही प्यार है।
5) चल कहीं, घूम आते हैं….
जिंदगी में कई बार आप अच्छा फील नहीं करते। लगता है जैसे किसी चीज की कमी है। दिल उदास होता है और इस वजह से कहीं और कुछ काम में मन ही नहीं लगता। इसी तन्हाई के आलम में बहन करीब आती है। वो आपका हाल समझती है। आहिस्ता से कहती है- चल भाई कहीं घूम के आते हैं। आप जाते हैं जब लौटते हैं जिंदगी फिर बहारां हो जाती है।
6) तेरे बगैर मजा नहीं आता…
‘गुलों के बिना गुलिस्तां की क्या बिसात, ना नाम होता और ना शोहरत’। दोस्त भी आपकी जिंदगी में गुलों यानी फूलों की तरह हैं। ये नहीं होते तो बिना फूलों के बाग कैसा होता? बस इतना सा सोचना था। ये खूबसूरत रिश्ता उस वक्त और परवान चढ़ता है या कहें बेमिसाल हो जाता है। जब वो दोस्त किसी वक्त आकर गले लगता है और कहता है- अबे, तेरे बगैर मजा नहीं आता यार। क्या अब भी किसी और मिसाल की जरूरत है ‘प्यार के अहसास’ को बयां करने के लिए। नहीं ना। हैप्पी वेलेंटाइन डे।
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