Mauni amavasya 2019 / हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) के मुताबिक माघ का महीना चल रहा है और इसी माघ महीने में आने वाली अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। कहा जाता है कि इस मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर पवित्र संगम और नदियों में देवताओं का निवास होता है यही कारण है कि इस दिन पवित्र और पावन नदियों में स्नान का खास महत्व है। खासतौर से गंगा स्नान का। चूंकि इन दिनों प्रयागराज में कुम्भ का मेला भी चल रहा है लिहाज़ा संगम में शाही स्नान भी मौनी अमावस्या पर होने जा रहा है जिसमें आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों लोग पहुंच रहे हैं। कहते हैं हिंदू धर्म में माघ महीने को कार्तिक महीने के समान ही पुण्य महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में दान-धर्म और पूजा-अर्चना का अलग ही महत्व होता है। यही कारण है कि मौनी अमावस्या को भी बेहद ही खास माना जाता है। आइए आपको बताते हैं कि मौनी अमावस्या कब है..इसका मुहूर्त कब से कब तक रहेगा और मौनी अमावस्या का महत्व क्या है।
मौनी अमावस्या कब है?
माघ महीने की मौनी अमावस्या 4 फरवरी, 2019 को है। चूंकि उस दिन सोमवार है लिहाज़ा ये सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहलाएगी। इस दिन गंगा में स्नान का खास महत्व है लोग भारी तादाद में हरिद्वार (Haridwar), गया (Gaya), प्रयागराज (Prayagraj), वाराणसी (Varanasi), गंगासागर (GangaSagar) जैसे पवित्र स्थानों पर पहुंच रहे हैं।
कब से कब तक रहेगी मौनी अमावस्या 2019
मौनी अमावस्या 2019 रविवार देर रात 12.02 बजे ही शुरू हो जाएगी और सोमवार देर रात 2 बजे तक रहेगी। यानि इस बार श्रद्धालुओं के पास समय को लेकर कोई पाबंदी नहीं है सोमवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही मौनी अमावस्या का स्नान हो सकेगा और दिन भर मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त है।
मौनी अमावस्या 2019 का महत्व
यूं तो हिंदू धर्म में हर अमावस्या का बेहद ही खास महत्व होता है लेकिन माघ महीने में होने वाली मौनी अमावस्या का तो महत्व ही निराला है। वही अगर ये अमावस्या (New Moon) सोमवार के दिन हो तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। वही अगर सोमवार भी हो और साथ ही कुम्भ लगा हो तो फिर इसका महत्व अनन्त गुणा हो जाता है। और इस बार कुछ ऐसा ही हो रहा है। दरअसल मौनी अमावस्या इस बार सोमवार यानि 4 फरवरी को है तो वही इस बार प्रयागराज में कुम्भ भी चल रहा है लिहाज़ा मौनी अमावस्या का महत्व इस बार अनंत हो गया है। चूंकि मौनी अमावस्या पर दान का बहुत ही महत्व होता है लिहाज़ा इस दिन पवित्र नदियों या संगम में स्नान के बाद अपनी इच्छानुसार अन्न, वस्त्र, धन, गौ, भूमि और स्वर्ण दान में दिया जा सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link