नकली IAS बन कई राज्यों में ठगी करने वाले को लखनऊ पुलिस ने किया गिरफ्तार

नकली IAS बन कई राज्यों में ठगी करने वाला सौरभ त्रिपाठी को लखनऊ पुलिस ने किया गिरफ्तार

फर्जी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर कई राज्यों का कर चुका है दौरा

लग्जरी गाड़ियां, फर्जी दस्तावेज और ठगी का जाल

संजय द्विवेदी

लखनऊ।लखनऊ पुलिस ने बुधवार को एक ऐसे शातिर को दबोचा है, जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर सरकारी कार्यक्रमों में वीआईपी ट्रीटमेंट लेता था। बताते चले कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बताकर लोगों पर रौब झाड़ रहा था। आरोपी की पहचान मऊ निवासी सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई है।

फर्जी आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी

फर्जी अफसर किस तरह पकड़ में आया वजीरगंज थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस टीम कारगिल शहीद पार्क के पास वाहनों की नियमित जांच कर रही थी। इसी दौरान एक गाड़ी (UP 16 DP 2828) को रोका गया। कार की पिछली सीट पर बैठे सौरभ त्रिपाठी ने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की और फर्जी आईएएस परिचय पत्र व विजिटिंग कार्ड दिखाए। पुलिस ने संदेह के आधार पर गहन जांच की तो दस्तावेज नकली पाए गए। गाड़ी की तलाशी में लाल-नीली बत्ती भी मिली, जो अवैध रूप से इस्तेमाल की जा रही थी।पूछताछ में सौरभ त्रिपाठी उलझ गया और कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लेकर धमकाने लगा। सख्ती से पूछताछ करने पर उसकी असलियत सामने आ गई और उसने ठगी की बात कबूल कर ली।

कई राज्यों में ठगी का जाल
जांच में पता चला कि सौरभ त्रिपाठी फर्जी सचिवालय पास, नकली आईएएस पहचान पत्र और एनआईसी की फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर कई राज्यों में ठगी कर चुका है। उसने इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ उठाया और कई लोगों को ठगा। बरामद गाड़ियों पर लगे पास भी पूरी तरह नकली थे। पुलिस का मानना है कि सौरभ का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हो सकता है।

भारी मात्रा में बरामदगी
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी के कब्जे से डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी छह लग्जरी गाड़ियां बरामद कीं। इसके अलावा, लैपटॉप, मोबाइल फोन, नकदी, बैंक कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी विजिटिंग कार्ड, लाल-नीली बत्ती, डायरी, पेन ड्राइव और अन्य फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए गए। यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि आरोपी लंबे समय से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा था।

कानूनी कार्रवाई और जांच
वजीरगंज पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 204, 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 347(2) और 66डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने फर्जी पहचान के आधार पर कई जिलों में अनुचित आर्थिक लाभ कमाया। इस गिरफ्तारी से एक बड़े ठगी के रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस अब सौरभ के नेटवर्क, उसकी ठगी की रकम और अन्य संलिप्त लोगों की जांच कर रही है।

इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक

इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी नोएडा सेक्टर 35 गरिमा विहार का रहने वाला सौरभ त्रिपाठी है।आरोपी मूलरूप से मऊ के सराय लखंसी का रहने वाला है। इसका एक घर गोमतीनगर विस्तार स्थित शालीमार वन वर्ड में भी है। पुलिस ने जब तलाशी ली तो उसके पास से आईएएस का फर्जी आईडी कार्ड, सचिवालय पास मिले। आरोपी के पास कार के जाली पेपर और ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

सोशल मीडिया पर कारनामे

सौरभ सोशल मीडिया पर भी सौरभ त्रिपाठी अलग-अलग पदों से एक्टिव था। कहीं वह खुद को Special Secretary at Urban Department (Government of Uttar Pradesh)। सौरभ त्रिपाठी IA&AS | भारत के C&AG || भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में निदेशक ,2 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में ई-गवर्नेस पहलों का नेतृत्व किया, जिससे सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार हुआ। 97,000 से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों की स्थापना का नेतृत्व किया, जिससे आवश्यक सेवाओं तक ग्रामीण पहुँच में उल्लेखनीय सुधार को बताता था।इतना ही नही विदेश मंत्रालय, भारत 1 वर्ष 8 माह ,द्वितीय सचिव पद पर अक्टूबर 2018 – नवंबर 2019 ,1 वर्ष 2 माह सऊदी अरब के रियाद में भारतीय उच्चायोग
द्वितीय सचिव अप्रैल 2018 – अक्टूबर 2018
7 महीने सिंगापुर, सिंगापुर सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग में सेवा देने को दर्शाया है।बिहार सरकार
निदेशक (WAMIS) नवंबर 2021 – दिसंबर 2022 1 वर्ष 2 माह पटना, बिहार, भारत संयुक्त निदेशक (WAMIS) नवंबर 2019 – नवंबर 2021 2 वर्ष 1 माह पटना, बिहार, भारत में भी सेवा देने को सोशल मीडिया पर दर्शाया है।कई कार्यक्रमों में वह बड़े अधिकारियों के बीच तस्वीर खिंचवाकर खुद को असली अफसर साबित करने की कोशिश करता था। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों में भी फर्जी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर दौरे कर चुका है। वह सरकारी आयोजनों में जाकर लोगों को गुमराह करता और अपनी पहचान का इस्तेमाल कर ठगी करता था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
पेश है संजय द्विवेदी की खास रिपोर्ट

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