टीबी की बीमारी से ग्रस्त युवक की मौत

ओम प्रकाश रावत

विंढमगंज (सोनभद्र)। विंढमगंज कोन थाना क्षेत्र के कचनरवा पंचायत मधुरी गांव के एक युवक की बीमारी से मौत हो गयी। युवक के पिता गरीबी के चलते उसका इलाज सही ढंग से नहीं करा सके। जो कुछ भी था वह पहले ही इलाज में खत्म हो चुका था। पिता ने बताया कि हमारे यहां ये चौथी मौत है कुछ माह पहले ही मेरे दूसरे बेटे की भी मौत टीवी की गंभीर बीमारी से हो गयी है पैसे न होने के कारण वह अपने बेटे का इलाज सही ढंग से नहीं करा पाए।मधुरी गांव निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र

रामप्रित लंबे समय से टीबी की बीमारी से पीड़ित था। उसके पिता उसके इलाज में अपना सब कुछ खर्च कर चुके थे। कोन के निजी अस्पताल से इलाज करा रहे थे कल कोन ले जाया गया जहां डाक्टर ने देखते ही मृत्य घोषित कर दिया। वहीं मृतक अपने पीछे पत्नी और एक ढाई साल का बच्चे को छोड़ गया। पहले ही दो भाईयो की मौत हो चुकी है घर पर अब तीन विधवा और बच्चे की देख भाल कैसे होगा गांव में हर कोई चर्चा कर रहा है। गांव के ही निवासी मदन ने बताया की सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा मुहैया नहीं कराते और हमने पिछली बार इनके भाई के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल गया था तो डॉक्टर ने कहा कल आना जब कल गया तो डॉक्टर साहब छुट्टी चले गए इसी बीच इनकी भी मौत हो गयी। इसी वजह सरकारी अस्पताल जाने से हम सभी कतराते हैं। रिस्तेदार राजकुमार ने बताया की आज इस घर में चौथी मौत है और ये सब एक ही बीमारी से हुआ है मगर सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता हमारे गांव में नहीं होता हम सरकारी योजनाओं से लाभान्वित नहीं होते आज भी हम सभी मिट्टी के मकान में रहने को मजबूर है कोई जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते अगर हमारी बातें सरकार के पास पहुंचे तो यहां आकर गांव देखे महीना बीतता नहीं की एक की मौत हो जाती है हम सभी अनुसूचित जाति/ जनजाति के अधिकतर लोग इस गांव में रहते है। सरकारी सुविधाएं से वंचित है। चुनाव जब आता है तो हम सभी को हर जनप्रतिनिधि हाल समाचार लेते हैं जीतने के बाद कोई हाल नहीं पुछता और हम सभी की जिंदगी भी कोरे कागज की तरह रह जाता है हम शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि हमारे गांव में मेडीकल कैंप और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ हम सभी को भी मिले। वहीं मृतिका की पत्नी व इकलौते बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल था। गमगीन माहौल में मृतक का अंतीम संस्कार गांव में ही कर दिया गया।

Translate »