दुद्धी-सोनभद्र(राहुल जायसवाल)। स्थानीय कचहरी परिसर स्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद हॉल में 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती धूम धाम से मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामसेवक सिंह यादव सहित अन्य अतिथियों ने सरदार

पटेल एवं भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ रामसेवक सिंह यादव ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल एकता और अखंडता के प्रतीक थे जिन्होंने अपने बदौलत 500 से अधिक रियासतों को एकता के सूत्र में बांधते हुए एक में मिलाने का

काम किया था। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल पेशे से एक अधिवक्ता भी थे और अपने कर्तव्य के प्रति पूर्ण रूप से सजग रहते थे। देश में हर वर्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल कि जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यहां के लोगों बीच एकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में जब कई रियासतें खंडित थीं, सरदार वल्लभभाई पटेल ने एकजुट भारत के दृष्टिकोण का समर्थन किया। राष्ट्रीय एकता दिवस देश को एकजुट करने के

लिए पटेल और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है। यह एकजुटता की पुष्टि करता है, “विविधता में एकता” की भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्रीय अखंडता बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। कार्यक्रम का संचालन दुद्धी बार के सचिव दिनेश कुमार एडवोकेट ने किया।
इस अवसर पर दुद्धी बार संघ के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण पाण्डेय, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, छोटेलाल अरुणोदय जौहरी, सिविल बार संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रभु सिंह कुशवाहा, दिलीप पाण्डेय, कृष्णदेव, पीयूष, राकेश तिवारी, रेणु सहित अन्य अधिवक्ता गण मौजूद रहे।
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