झिलमिल रोशनी से नहाया सोनांचल

विधि विधान से की गई लक्ष्मी गणेश की पूजा

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव/ज्ञानदास)। प्रकाश पर्व दीपावली सोमवार को उत्साह पूर्वक धूमधाम के साथ परम्परागत ढंग से मनाई गयी। शाम ढलते ही घर – देवालय झिलमिल रोशनी से सराबोर हो गयी। कहीं विद्युत की रंग – बिरंगी झालरों, मोमबत्ती तो कहीं मिट्टी के बने दीये से रंगोली सजाई गयी। मिट्टी के दीयों में तीसी के तेल और बाती से निकल रही स्याह सी रोशनी दूर से आकाश के तारों जैसे प्रतीत हो रहे थे। धनतेरस के दिन से ही तमाम घरों एवं मंदिरों पर सजाये गये बिजली झालरों की रंग-बिरंगी रोशनी

लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। दिवाली के दिन मिट्टी के दिये तथा मोमबत्ती की झिलमिल रोशनी तो और लोगों का मन मोह लिया। दुल्हन की तरह सजे घरों एवं मंदिरों के साथ ही आतिशबाजी का भी दौर चलता रहा। युवा वर्ग जहां पटाखे फोड़ रहे थे वही, बच्चे फुलझड़ियां छोड़ दिवाली की

खुशियां मना रहे थे। रात्रि में लोगों ने धन की देवी लक्ष्मी कथा विश्व विनायक भगवान श्री गणेश जी की विधि- विधान से पूजन-अर्चन किया। जैसे ही सांझ ढलने की तैयारी करने लगी, वैसे ही लोग उत्साह पूर्वक दीयों को रखने के लिए देवालयों की ओर जाने लगे। अंधेरा होते ही चहुंओर रंग-बिरंगी से जगमग जगमग आ उठा और शुरू हो गया आतिशबाजी का दौर इलाका पटाखों की आवाज से गूंज उठा।

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