25 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- सात वर्ष पूर्व रामलोचन यादव की चाकू से की थी हत्या
- तीन आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सोनभद्र- सात वर्ष पूर्व चाकू से हुई रामलोचन यादव की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी महेंद्र यादव उर्फ अखिलेश को उम्रकैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई, वहीं अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने तीन आरोपियों संतोष यादव, सुरेंद्र यादव व जगदीश यादव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली में 5 सितंबर 2014 को दी तहरीर में राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के उरमौरा गांव निवासी मुन्नर सिंह यादव पुत्र रामलोचन यादव ने आरोप लगाया गया था कि 4 सितंबर 2014 की शाम को राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के उरमौरा गांव निवासी महेंद्र यादव उर्फ अखिलेश पुत्र जगदीश यादव, सुरेंद्र यादव पुत्र जगदीश यादव, जगदीश यादव पुत्र स्वर्गीय जयराम यादव व संतोष यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव घर पर आए तो पूछा कि उसके पिता रामलोचन यादव कहां हैं तो माँ ने बताया कि वे लोढ़ी खेत पर खाद डालने गए हुए हैं। इसके बाद इन लोगों ने कहा कि जमीन देखने वाले ग्राहक आए हैं उन्हीं से मिलवाना है। इसके बाद पिताजी को खुशबू बाग नर्सरी के जंगल में ले जाकर चाकू से हत्या कर दी गई। जब पिताजी देर शाम तक घर वापस नहीं आए तो इन लोगों से पूछताछ किया गया तो उन लोगों ने बताया कि लोढ़ी ही छोड़ दिया था दूसरे दिन पता चला कि पिताजी की चाकू से हत्या करके लाश को जंगल में फेंक दिया गया है। इस तहरीर पर उरमौरा गांव निवासी महेंद्र यादव उर्फ अखिलेश पुत्र जगदीश यादव, सुरेंद्र यादव पुत्र जगदीश यादव, जगदीश यादव पुत्र स्वर्गीय जयराम यादव व संतोष यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया था। पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी महेंद्र यादव उर्फ अखिलेश को उम्रकैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं तीन आरोपियों सुरेंद्र यादव, संतोष यादव व जगदीश यादव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।