राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सोनभद्र नगर का वनविहार कार्यक्रम संपन्न

सोनभद्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सोनभद्र नगर का वनविहार कार्यक्रम बहुत ही हर्षोल्लास के पंचमुखी महादेव मंदिर पर बाबा भोलेनाथ के दर्शन के साथ प्रारंभ हुआ। सोनभद्र नगर संघ चालक आलोक व विभाग प्रचारक प्रवेश के मार्गदर्शन में स्वयंसेवक बहुत ही हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम में सहभाग किए। बौद्धिक में जिला संघ चालक हर्ष अग्रवाल ने सोनभद्र नगर के स्वयंसेवकों को भारतीय संस्कृति की सुरक्षा की आवश्यकता को समझाते हुए विस्तार से उदाहरण सहित रेखांकित करते हुए बताये कि सीमा की सुरक्षा सैनिक करते हैं।देश की संस्कृति की सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है। हम यदि अपनी संस्कृति, सभ्यता और स्वाभिमान की सुरक्षा के प्रति सजग नही रहे तो हमारी स्थिति भी कश्मीरी पंडितों की तरह हो सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऐसे ही देशभक्त,निर्भीक स्वाभिमानी स्वयंसेवकों के निर्माण के लिए संघ की स्थापना की। आज 96 साल की यात्रा का ही नतीजा है कि संघ विश्व का सबसे बड़ा और प्रभावी स्वयंसेवी संस्था तो बना ही साथ ही जीवन के विविध आयाम में संस्कार युक्त राष्ट्र के प्रति समर्पित निष्ठावान कार्य कर्ताओं की एक ऐसी टीम पूरे भारत में खड़ा कर दिया है जिनके भीतर भारत को एक बार फिर विश्वगुरु के पद पर स्थापित करने का सुनहरा अवसर साफ दिख रहा है। डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने इस राष्ट्र को परमवैभव तक पहुँचाने का सपना देख कर ही संघ की स्थापना नागपुर में विजयादशमी के दिन मोहिते के बाड़ा में 1925 में की थी। उपस्थित स्वयंसेवकों को उन्होंने बताया कि डा0 केशव बलिराम हेडगेवार भारतीय संस्कृति के परम उपासक थे।वे कर्मठ, सत्यनिष्ठ और राष्ट्रवादी होने के साथ- साथ एक स्वतंत्रचेता भी थे।उन्होंने हिंदुओं में नई चेतना जाग्रत करने के लिए उल्लेखनीय कार्य करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की ।
         भित्तिचित्र की कथा
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सह जिला कार्यवाह पंकज पांडेय व प्रचार प्रमुख नीरज सिंह एड0 के मार्ग दर्शन में स्वयं सेवक गट के अनुसार प्रकृति की सुरम्यता और भित्तिचित्रों का अवलोकन किए। लगभग 3500 वर्ष प्राचीन माने जाने वाले शैलाश्रित भित्तिचित्र हमारी प्राचीन सभ्यता के जीवित दस्तावेज हैं। पंचमुखी महादेव तीर्थ क्षेत्र पुरातात्विक,आध्यात्मिक, सामरिक,धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।आस्था के स्थल के रूप में विकसित यह स्थल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
       उपस्थित थे
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परम पवित्र भगवद्धवज की छत्र छाया में मुख्य शिक्षक जे0बी0 सिंह एड0 समेत गण शिक्षक अलग-अलग ढंग से गण लेते हुए मंडल के खेल व बौद्धिक खेल कराये। सह भोज के साथ राष्ट्रीय एकात्मता का संदेश
दिया गया। वनविहार कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। इस आयोजन में विभाग सेवा प्रमुख अवध, सम्पर्क प्रमुख महेश, सेवा प्रमुख नीरज, व्यवस्था प्रमुख कीर्तन , नगर कार्यवाह संतोष ,सह नगर कार्यवाह सत्यारमण ,नगर व छपका खण्ड प्रचारक योगेश, बौद्धिक प्रमुख शशांक ,सेवा प्रमुख महेश शुक्ला समेत नगर के गणमान्य वन विहार में बाटी, दाल , चोखा , चावल , चूरमा का आंनद उठाए ।

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