प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सांगोबांध में बेबुनियादी सुविधाओं की अभाव।

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

स्वास्थ्य केंद्र में बीजली की नहीं है व्यावस्था।

बभनी। जनपद के अंतिम छोर पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सांगोबांध में लगभग 8 वर्ष पूर्व से ग्रामीणों के लिए एक नई किरण जगी लेकिन बीमार मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से 40किलोमीटर दूर जाकर दवा कराने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर अभी तक बीजली की बत्ती नहीं जल पाई ‌। जबकि गांव में बीजली जल रही है।बीजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण तमाम तरह के एंटीबायोटिक दवाओं की रख रखाव नहीं हो सकती है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आये दिन शर्प दंश, जंगली जानवरों की हमला आदि हुआ करता है। जिससे ग्रामीण दूर की स्वास्थ केन्द्र तक पहुंचते पहुंचते दम तोड़ देता है।

सागोबांध स्वास्थ्य केंद्र में एक डांक्टर,एक वार्ड बॉय, एक ऐनम की ही मात्र तैनाती की गई है। यहां पर मूलभूत सुविधाओं की अभाव के कारण बेहतर इलाज कराना संभव नहीं है जिससे आसपास के ग्रामीणों में काफी नाराजगी दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में जंगल जैसी हालत बनी हुई है । यहां पर साफ सुथरा करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं है।इस संबंध में डांक्टर शिशिर श्रीवास्तव ने बताया कि मैं सीएमओ को बीजली आदि की समस्या के लिए लिखित शिकायत की है।

गांव में भी नहीं है सफाई कर्मचारी

बभनी।म्योरपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत सागोबांध मे करीब पांच वर्षों से कोई सफाई कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है। जिससे स्कूल , स्वास्थ्य केंद्र ,नाली ,आदि की साफ सफाई नहीं हो पा रहा है। प्रधान प्रतिनिधि गोपाल प्रसाद का कहना है कि बिडिओ म्योरपुर साहब को इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है।एक सप्ताह में एक सफाई कर्मचारी की तैनाती होगी।
क्षेत्र के ग्रामीणों में राजेश कुमार, अनिल कुमार,श्रवण कुमार,जगमोहन,जयराम, नंदलाल आदि ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बीजली, सफाई कर्मचारी आदि सभी प्रमुख समास्याओं को आकर्षित कराते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की हैं।

Translate »