रामजियावन गुप्ता/बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी रिहंद परियोजना के सीएसआर बिभाग से विस्थापित बस्ती में लाखों रुपये की लागत से लगाया गया चार आरओ प्लांट वर्षो से बन्द पड़ा है। जिसके कारण विस्थापित ग्रामीण गन्दा और जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार सिरसोती गाँव के टोला अधौरा , नकटू , पुनर्वास सिरसोती, तथा सिरसोती चट्टी सहित कुल चार स्थानों पर आरओ प्लांट सीएसआर बिभाग ने लगभग पाँच वर्ष पूर्व इस लिए लगवाया था कि यहाँ के विस्थापित ग्रामीण रिहंद जलाशय से आने वाले सीधा जलस्रोत का गन्दा और जहरीला पानी पीने को मजबूर थे। बताया जाता है कि सिरसोती गाँव मे हैंड पंप सहित यहाँ के कुओं से निकलने वाला दूषित पानी के कारण तरह तरह की बीमारी का लोगबाग शिकार हो रहे थे।जिसको देखते हुए परियोजना प्रबंधन ने सिरसोती गाँव के बिभिन्न टोले में ही लाखों की लागत से चार आरओ प्लांट स्थापित करा कर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की योजना को मूर्त रूप दिया था। लेकिन दुर्भाग्य बश यह योजना आरओ प्लांट स्थापित होने के कुछ महीने तक तो ठीक ठाक चली लेकिन बाद में रख रखाव और मरम्मत के अभाव में यह पूर्ण रूप से बन्द हो गया। आरओ प्लांट बन्द होने और पेयजल की दुर्व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने प्रबन्धन को जानकारी देकर तत्काल बन्द पड़े आरओ प्लांट को चालू कराए जाने की माँग की लेकिन प्रबन्धन द्वारा उसको ठीक कराने को कौन कहे कोई आज तक वहां झाँकने तक नही गया। उधर सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद गुप्ता सहित गिरधारी, राजलाल, विशेसर, बुद्धिनाथ , राजलाल, ने प्रबन्धन का ध्यान दिलाते हुए तत्काल चारो आरओ प्लांट को ठीक कराकर चालू कराए जाने की माँग की है। इसबाबत पहले सीएसआर प्रबंधक अरविंद शुक्ला से जब सेल फोन पर जानकारी माँगी गयी तो उन्होंने सटीक जबाब बताने की बजाय गोल मटोल जबाब दिया। तो मामले से सम्बंधित जानकारी लेने पर एनटीपीसी पीआरओ शिक्षा गुप्ता ने कहा कि इस कि जानकारी फिलहाल हमको नही है पता करके बताऊँगी। लेकिन समाचार लिखे जाने तक कई बार प्रयास किया गया लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई।