भारत के अमर शहीदों की मैं कथा सुनाने आया हूँ
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- सोन साहित्य संगम सोंनभद्र के तत्वाधान में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वी जयंती के अवसर पर संस्था के सदस्य कवि सरोज सिंह के ब्रह्मनगर स्थित आवास पर सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश द्विवेदी की अध्यक्षता व संयोजक राकेश शरण मिश्र के संचालन में आयोजित कवि गोष्ठी में
आये हुए कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाये प्रस्तुत कर श्रोताओ को काब्य रस में सराबोर कर दिया। कवि गोष्ठी का शुभारंभ उपस्थित कवियों द्वारा माँ वीणा पाणी के चित्र पर व नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर द्वीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कवि दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगड़ी के सरस्वती वंदना से कवि गोष्ठी की विधिवत शुरुआत हुई। इसके बाद घोरावल से आये युवा कवि अरुण कुमार पांडेय गुरुजी ने-
“कुछ बढ़ी इस तरह दूरियां कि घर के दीवार उठने लगे– सुनाकर श्रोताओ की वाहवाही लूटी। वही ओज के कवि दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगढी ने राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत बिमताओं पर कविता –
“साँपो को अब गौ माता का दूध पिलाना बंद करो– को सुनाकर वर्तमान राजनीति पर चोट करने का सफल प्रयास किया। जाने माने गीतकार कवि सरोज सिंह ने-*प्यार हमको वतन बाँटता है हम कैसे वतन बाँटते है– सुनाकर लोगो की जमकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में युवा प्रभु नारायण सिंह ने “हवा बहुत तेज है मुँह मोड़ लीजिए रास्ता चलना कठिन है कुछ गौर कीजिए— की जोरदार प्रस्तुति ने लोगो को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। कवि गोष्ठी का सफल संचालन सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने ” भारत के अमर शहीदों की मैं कथा सुनाने आया हूँ– सुनाकर अमर शहीदों के त्याग और संघर्ष को बयां करके काब्य प्रेमियों की वाहवाही लूटी। युवा कवि प्रदीप धर ने *आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया-प्रस्तुत कर कविता के माध्यम से आम आदमी की आर्थिक परेशानी को प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया। विंध्य संस्कृति शोध समिति के निदेशक दीपक केशरवानी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उपस्थित लोगों को आजादी की लड़ाई में नेताजी के योगदान से अवगत करवाया। कवि गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार संजय पति तिवारी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में नेताजी के अदम्य साहस और दूरदर्शिता पर अपने प्रभावशाली विचार रखे। कवि गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कवि ओम प्रकाश त्रिपाठी ने *आदमी वो आदमी अब ना रहा आदमी- की जोरदार प्रस्तुति से सभी श्रोताओ को वाह वाह कहने पर मजबूर कर दिया। और अंत मे कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे सोन साहित्य संगम के निदेशक वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने सभी आमंत्रित कवियों और श्रोताओ को आभार ब्यक्त करते हुए अपनी समसामयिक कविता-हाय रे प्रचंड धूप–सुनाकर लोगो को आनंदित कर दिया। कवि गोष्ठी का शुभारंभ सर्वप्रथम आमंत्रित कविगणों को गोष्ठी का आयोजक कवि सरोज सिंह द्वारा माला पहनाकर एवम अंगवस्त्रम देकर किया गया। साथ ही सोन साहित्य संगम द्वारा नेताजी की
जयंती के अवसर पर युवा कवि अरुण कुमार पांडेय को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्रम देकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दीपक सिंह, रामेश मिश्र, नीलेश मिश्र,इंद्रेश कुमार विजय बहादुर आदि श्रोतागण उपस्थित रहे।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal