
चोपन /सोनभद्र (अरविन्द दुबे)सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन में नसबंदी कैम्प में स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षक की अनदेखी के चलते अव्यवस्थाओं का अंबार देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को निर्धारित समय से पहले ही पंजीकृत 135 महिलाओं के साथ ही उनके परिजनों की भीड़ भी अस्पताल परिसर में इकट्ठा होने लगी जिनको उठने बैठने की कोई भी सुचारू व्यवस्था नहीं की गई थी। आलम यह था कि नसबंदी शिविर से लेकर काफी दूर तक महिलाएं कतार बनाकर नीचे फर्श पर ही बैठाई गई थी कड़ाके की पड़ रही ठंड में उनका बुरा हाल था यही नहीं सैकड़ों महिलाओं और बच्चों से खचाखच भरे अस्पताल परिसर में एक भी महिला मास्क लगाए हुए नहीं दिखी और आश्चर्य जनक यह था मास्क के उपयोगिता और महत्व के बारे में कर्मचारियों के द्वारा भी आई हुई ग्रामीण महिलाओं को बताया नहीं जा रहा था जबकि बढ़ती हुई ठंड के साथ साथ कोरोनावायरस के संक्रमण का अभी भी खतरा लगातार मड़रा रहा है यही नहींअस्पताल में चारों तरफ धूल और गंदगी का अंबार देखा जा सकता है और साफ सफाई करने वालों का कहीं दूर-दूर तक कोई अता पता नहीं था अनेक महिलाओं के गोद तो में छोटे-छोटे बच्चे भी थे लेकिन अधीक्षक समेत अस्पताल के कर्मचारियों पर इसका कोई फर्क नहीं नजर आ रहा था जबकि सरकार के द्वारा बार-बार प्रचार व प्रसार किया जा रहा है कि कोरोनावायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क भी अनिवार्य है तथा गंदगी भी इस वायरस के संक्रमण को फैलाने में वाहक का काम करती है ऐसे में नसबंदी कराने आए महिलाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है अस्पताल के अधीक्षक एवं कर्मचारियों की लापरवाही पूर्ण रवैया के चलते नसबंदी कराने आई महिलाओं में से यदि किसी एक को ही करोना संक्रमण फैला तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा..? लोगों ने इस संदर्भ में जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है
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