*”उजाले उनकी यादों के *”
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शाहगंज-सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- जनपद की आन बान शान रहे कलम के जिन सिपाहियो ने स्वाधीनता संग्राम से लेकर स्वतंत्र भारत में पहले दक्षिणांचल बाद में सृजित सोनभद्र के विकास के लिए अपनी कलम की नोंक से हुक्मरानों की बन्द पलको को न केवल खोला,बल्कि जरूरत पड़ने पर संघर्ष करने से भी
पीछे नहीं रहे ऐसे पत्रकारों को कभी भी कोई भुला नहीं सकता। जो ” स हा फी “इस फानी दुनियां से ” ब ही स्त ” के लिए कूच कर गए उनकी यादे शनिवार को अचानक उजागर हो गई वजह जनपद की पत्रकारिता
का एक सितारा अचानक अस्त हो गया था । अल्पावस्था मे तृप्त चौबे हम सब को रोता बिलखता छोड़ कर उस परम धाम में चले गए जहा से कोई लौट के नहीं आता। आज जनपद के कलमकारों के लिए हृदय वीदारक माहौल है। इसी गमगीन पन्ने को पलटने पर कई दिवंगत कलमकारो की याद सता गई जो हमें छोड़ कर जा चुके है।**”***************”*****
स्मृति शेष
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शब्द शिल्पी निरंजन लाल जालान, तेज बहादुर सिंह,
महावीर प्रसाद जालान, सत्यनारायण जालान, डॉक्टर
रघुवीर चन्द जिंदल, हंशनाथ हंश, श्याम नारायण लाल श्रीवास्तव, अजय जायसवाल वैनी, डॉक्टर पशुपति नाथ दुबे,अमरनाथ चौबे, दुर्गा प्रसाद अग्रहरि, प्रवाल मैत्र,( माया) लखन जी (राष्ट्र धर्म) शेख जैनुल अब्दीन (लाईट ऑफ मिर्ज़ापुर) बड़े दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है हिन्दुस्तान समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ रहे * तृप्त चौबे* नहीं रहे। आप को यह भी जानना चाहिए कि रोडवेज बुक स्टाल के बुजुर्ग पत्रकार दुबे जी एक माह पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। दिवगंत पत्रकार तृप्त चौबे के द्वितीय पुण्य तिथि पर याद किऐ गए। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, सोनसाहित्य संगम निदेशक राकेश शरण मिश्र एडवोकेट, संयोजक सोन साहित्य संगम और पत्रकार शिक्षक भोलानाथ मिश्र समेत अन्य पत्रकार मौजूद रहे।
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