सोनभद्र।सरकार द्वारा निजीकरण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबन्धन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से वार्ता विफल होने पर आज से सभी कर्मचारी व अधिकारी अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल शुरू कर दिया है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए विद्युत कर्मचारी हड़ताल नियंत्रण कक्ष कलेक्ट्रेट में स्थापित कर दिया है और उपभोक्ताओं के लिए जारी किया 05444 -223676 फोन नम्बर जारी किया है। वही बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार करने से बिल जमा करने आये उपभोक्ता को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस पर उपभोक्ताओं का कहना है कि हड़ताल की जानकारी नही होने पर बिजली का बिल करने आया था लेकिन हड़ताल की वजह से बिल जमा नही हो रहा है। आज के कार्यक बहिष्कार पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत कुओ 21 जिले आते है जिसमे गरीब , किसान , मजदूर लोग निवासी करते है जिसका सरकार निजी करण करने की तैयारी में है जिसके विरोध में हम लोग कार्य बहिष्कार कर रहे है। आज बिजली विभाग में चपरासी से लेकर बड़े अधिकारी तक पूरी तरह से कार्य बहिष्कार पर है जिससे उपभोक्ताओं की समस्याएं तो आ रही है लेकिन कोई निदान नही किया जा रहा है।

सोनभद्र में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने निजीकरण के किये जाने पर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सबसे पहले प्रतिदिन एक घण्टे का कार्य बहिष्कार किया फिर जनप्रतिनिधियो को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद मशाल जुलूस निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया वही लखनऊ में कुछ नेताओं के गिरफ्तार होने पर सभी जिलों में कर्मचारियों ने गिरफ्तारी देनी शुरू किया तो प्रदेश सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया। सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में आज जनपद के सभी बिजली कार्यालयों में दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक कुल तीन घण्टे का कार्य बहिष्कार किया। सरकार द्वारा निजीकरण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबन्धन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से वार्ता विफल होने पर आज से सभी कर्मचारी व अधिकारी अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल शुरू कर दिया है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए विद्युत कर्मचारी हड़ताल नियंत्रण कक्ष कलेक्ट्रेट में स्थापित कर दिया है और उपभोक्ताओं के लिए जारी किया 05444 -223676 फोन नम्बर जारी किया है। वही इस हड़ताल से बिजली उत्पादन गृहो , 765/400 केवी के विद्युत उप केन्द्रों एवं प्रणाली नियंत्रण शिफ्ट में कार्य करने वाले बहिष्कार में शामिल नही किया गया है। इसके साथ ही अस्पतालों , पेयजल व अन्य आवश्यक सेवाओ की विद्युत आपूर्ति चालू रहेगी।
सरकार से मांग किया कि बिजली के निजीकरण को सरकार बन्द करें । पहले वितरण, ट्रांसमिशन, उत्पादन जब एक साथ थी तो घाटा 77 करोड़ का घाटा होता है। वर्ष 2000 तक बोर्ड था । जब से निजी करण किया गया तब से 95 हजार करोड़ घाता पहुंच गया है। सरकार इसकी समिक्षा नही करती है । अगर सरकार इसकी समिक्षा कर ले तो सरकार कभी निजीकरण नही करेगी ।
उत्तर प्रदेश में बिजली की लागत का औसत 07.90 प्रति यूनिट है और निजी कम्पनी द्वारा एक्ट के अनुसार कम से कम 16 प्रतिशत मुनाफा लेने के बाद 09.50 रुपये प्रति यूनिट के कम दर पर बिजली नही मिलेगी। इस प्रकार एक किसान को लगभग 8000 रुपये प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओ को 8000 से 10000 रुपये प्रतिमाह तक बिजली बिल देना होगा। सरकार अभी घाटा उठाकर किसानों और उपभोक्ताओं को बिजली देती है , निजीकरण के प्रस्ताव अनुस्सर सरकार निजी कंपनियों को 5 साल से 7 साल तक परिचालन व अनुरक्षण के लिए आवश्यक धनराशि भी देगी।
बिजली विभाग के कर्मचारियों सुधाकर पांडेय द्वारा कार्य बहिष्कार करने से बिल जमा करने आये उपभोक्ता को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस पर उपभोक्ताओं का कहना है कि हड़ताल की जानकारी नही होने पर बिजली का बिल करने आया था लेकिन हड़ताल की वजह से बिल जमा नही हो रहा है।
आज के कार्यक बहिष्कार पर अधिशासी अभियंताई. एस.के.सिंह ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत कुओ 21 जिले आते है जिसमे गरीब , किसान , मजदूर लोग निवासी करते है जिसका सरकार निजी करण करने की तैयारी में है जिसके विरोध में हम लोग कार्य बहिष्कार कर रहे है। आज बिजली विभाग में चपरासी से लेकर बड़े अधिकारी तक पूरी तरह से कार्य बहिष्कार पर है जिससे उपभोक्ताओं की समस्याएं तो आ रही है लेकिन कोई निदान नही किया जा रहा है।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal