प्रयागराज-लवकुश शर्मा
हनुमानगंज-नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के शोध केन्द्र परिसर में हिंदी दिवस के अवसर पर ‘हिंदी दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ० आनंद शंकर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि भाषा का प्रयोगकर्ता ही भाषा को सहेजता और बनाता है। हिन्दी को तकनीक, विज्ञान, विधि, चिकित्सा तथा प्रौद्योगिकी की भाषा बनना होगा तभी हीन्दी वैश्विक स्तर पर और सुदृढ़ होगी।

कुलाधिपति श्री जे०एन० मिश्र ने कार्यक्रम में आनलाइन उद्बोधन में कहा कि हिन्दी सक्षम भाषा है। यह हमारे व्यवहार में भावाभिव्यंजनाओं के माध्यम से प्रकट होती है। उन्होंने हिन्दी दिवस की सबको बधाई और अतिथियों को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो० राम मोहन पाठक ने कहा कि हिन्दी बहुत ही समृद्ध भाषा है। हिन्दी के लिए जीवन के मार्ग पर हम सबको संघर्ष करना होगा।हिन्दी भाषा में पहले से ही संगरोध जैसे शब्द मौजूद हैं जिन्हें हम आजकल क्वारन्टाइन के नाम से जानते हैं। हिन्दी में सामर्थ्य और क्षमता है। बाजार एवं तकनीक के कारण हीन्दी धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर और भी विस्तृत हो रही है।
वरिष्ठ साहित्यकार प्रो० क्षमाशंकर पाण्डे ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी भाव एवं भावनाओं की भाषा है। यह सम्पूर्ण सांस्कृतिक चेतना है। भाषा एक तरह से बहता हुआ नीर है, जो समय के साथ द्रुत गति से आगे बढता रहता है। हिन्दी को सर्वस्वीकार्यता के लिए ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाना होगा।
प्रतिकुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी अत्यन्त शक्तिशाली भाषा है। हिन्दी भाषियों ने कोविड19 के दौरान क्वारन्टाइन, आइशोलेसन जैसे शब्दों को आत्मशात कर लिया। हिन्दी विभाग के डॉ० राजीव वर्मा ने हिन्दी दिवस की उपयोगिता बताते हुये कविता पढ़ी। विषय प्रवर्तन हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ० ममता मिश्रा ने और स्वागत भाषण डॉ० हिमांशु शेखर सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० सव्यसाची ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० मंजू शुक्ला ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यापकगण एवं शोध छात्र बड़ी संख्या में आनलाइन और आफलाइन में उपस्थित रहे।
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