बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
शिकायतकर्ता द्वारा बार बार शिकायत और अपमानजनक टिप्पणी ।
मामला बाल विकास परियोजना कार्यालय बभनी का ।
बभनी।विकास खण्ड मे स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय पर बार बार शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत करने और सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा निस्तारण करने के वावजूद मामला थमने का नाम नही ले रहा है जो क्षेत्र मे चर्चा का विषय बन के रह गया है ।
बताते चलें कि बभनी ग्राम पंचायत निवासी सुरेश प्रसाद द्वारा पिछले कुछ माह से बाल विकास परियोजना कार्यालय मे नौनिहालों के लिए पोषाहार वितरण व कंपनियों द्वारा ढुलाई कार्य मे तमाम अनियमितता की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल सहित जिले पर व फेसबुक वाह्टसप ग्रुप पर किया गया था जिसका निस्तारण भी सम्बंधित अधिकारी द्वारा किया गया ।वावजुद इसके उक्त शिकायतकर्ता द्वारा निस्तारण सम्बंधित मामले पर अपनी संतुष्टी नही होने पर सम्बंधित अधिकारी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है यही नही उक्त कार्यालय पर नियुक्त कनिष्क लिपिक पर भी आरोप लगाया गया है कि उनकी पत्नी जो आंगनबाड़ी पद पर नियुक्त है उनका शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी है जब कनिष्क लिपिक से इस वावत जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि सारे शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराया गया जो सही है । इस वावत जब बाल विकास परियोजना अधिकारी नीलम श्रीवास्तव से वार्ता किया गया तो उन्होंने बताया कि उक्त शिकायतकर्ता मनगढंत बात बनाकर और अपने निजी स्वार्थ वश लाभ के चक्कर मे कूटरचित कार्य कर रहा है उनकी सारी शिकायतो का जब बारीकी से जांच किया गया तो मामला कुछ और सामने आया शिकायतकर्ता काफी दिनों तक विभाग से तालमेल बनाकर पोषाहार ढूलाई का काम कर रहा था और पोषाहार की कालाबाजारी भी कर रहा था जिसका प्रमाण पूर्व मे पोषाहार ढुलान करने वाले प्रतिनिधि से साठगांठ बनाकर काफी दिनों तक कार्य किया और माह अक्टूबर 2019 मे उनके प्रतिनिधि पोषाहार वितरण की गड़बड़ी मे जेल चले गये और ढुलाई का काम दूसरे प्रतिनिधि को मिल गया जिससे शिकायतकर्ता खिन्न होन निराधार आरोप लगाकर व धमकाकर फिर से ढुलान कार्य को हथियाना चाहता है जिससे विभाग के सारे कर्मचारियों और अधिकारी परेशान नजर आ रहे है यही नही शिकायतकर्ता द्वारा दूसरे व्यक्ति के फर्जी आधार नम्बर और फर्जी नाम से भी शिकायत किया है और जब जांच हुआ तो पता चला वो व्यक्ति कभी शिकायत किये ही नही है ।बाल विकास परियोजना अधिकारी बभनी ने सारे मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दिया गया है ।