शाहगंज-सोनभद्र। कोरोना वैश्विक महामारी से जहाँ विश्व में हाहाकार मचा हुआ है और सभी को सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए एक दूसरे से दो गज की दुरी है जरूरी हैं। वही पीसीएफ डोहरी पर सैकड़ों की संख्या से ऊपर किसान धान में डालने के लिए
उर्वरक खाद यूरिया को लेकर दिन भर परेशान रहे। भैरों बकौली, डीबर,खिरिहटा,कन्चा,गढवा, खजुरौल, डोमहर सहित अन्य कई गांवों के किसानों को पीसीएफ पर आने से सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियाँ उडती रही। इसकी सबसे बड़ी वजह क्षेत्र में सभी उक्त साधन सहकारी समितियों पर किसानों को नगद खाद देने के प्रावधान को खत्म कर पीसीएफ डोहरी पर ही एकमात्र विकल्प देने से किसानों की भीड़ लगीं रही और किसान परेशान हाल में दो गज की दुरी को भुलाकर खाद लेने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। खजुरौल निवासी रमेश कुशवाहा ने बताया
कि हम लोग अपने नजदीकी साधन सहकारी समिति पर गए तो सदस्य नही होने की वजह से पीसीएफ डोहरी पर भेज दिया गया और पीसीएफ पर आने के बाद एक किसान को आधार कार्ड पर तीन से चार बोरी ही यूरिया खाद सचिव के द्वारा निर्धारित किया गया है और शाम होने के पहले ही खाद खत्म होने की सूचना मिलने पर सैकड़ों किसानों को बीना खाद वापस घर लौटना पड़ा। जब सेलफोन पर सचिव का पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो फोन स्विच आफ बता रहा था। किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करा यूरिया खाद सभी साधन सहकारी समितियों पर उपलब्ध कराने की मांग की है जिससे कोरोना महामारी से भी बचा जा सके और खाद भी आसानी से प्राप्त हो सके।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal