सीएम ने कहा जल संचयन, संवर्द्धन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की जरूरत है।

’भू-जल सप्ताह’’ के समापन समारोह

सोनभद्र।‘‘जल है तो कल है‘‘भविष्य के लिए जल को सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त रखना है। प्रदेशवासियों से आह्वान है कि जल संचयन, संरक्षण व संवर्द्धन का कार्य किया जाय। थोड़ा-थोड़ा प्रयास प्रदेश को जल के क्षेत्र में समृद्धि प्रदान करेगा। गांव-गांव व मजरे,कस्बों तक जन जागरूकता करके जल संचयन व संवर्द्धन का कार्य किया जाय। जल समृद्धि प्रदेश के रूप में उत्तर प्रदेश को अग्रणी बनाया जाय। ‘‘जल है तो जीवन है‘‘। आह्वान प्रदेश के लोकप्रिय मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने ’’भू-जल सप्ताह’’ के समापन समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए किया। मुख्य मंत्री ने कहा कि जल संचयन, संवर्द्धन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की जरूरत है। प्रदेश में चेकडैम, तालाब, बाउली, मेड़बन्दी आदि के कार्यों को बढ़ावा देकर भू-जल योजनाओं को साकार करें। जल संचयन के कार्यों में जन जागरूकता पैदा करके जल संकट से निजात के लिए जल संवर्द्धन बेहद जरूरी है। जल संरक्षण के लिए कदम से कदम मिलाकर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता प्रदेशवासियों को मिलनी चाहिए। जल शक्ति विभाग ने 16 जुलाई से 22 जुलाई, 2020 तक का जो आयोजन किया, वह बेहतर कार्य है, जिसके माध्यम से व्यापक रूप से जल के संचयन, संवर्द्धन व संरक्षण का जो कार्य किया गया है, वह बेहतर कार्य है। जल संचयन एक महत्वपूर्ण एवं प्र्राकृति संसाधन है। उत्तर प्रदेश बेहतर प्रदेश है, जहां जल संचयन के लिए भू-गर्भ जल व सरफेस वाटर की उपलब्धता है और जरूरत है इस बरसात के मौसम में हो रही बरसात के पानी को ज्यादा से ज्यादा संरक्षित किया जाय, जिससे उत्तर प्रदेश शुद्ध पेयजल, सिंचाई तथा जल स्तर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने रैन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर देते हुए कहा कि नई तकनीकी का भी इस्तेमाल करके जल संवर्द्धन का काम बेहतर तरीके से किया जाय। उन्होंन कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के निमित्त सोशल डिस्टेसिंग व सेनिटाइजेशन के साथ में गांव स्तर पर छोटे-छोटे समूह बनाकर जल संवर्द्धन के लिए व्यापक रूप से नागरिकों को जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ ही जल के प्रदूषण को भी दूर किया जाय। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है, लिहाजा जल की महत्वा, उपयोगिता, जल के दुरूपयोग के रोकने के उपाय पर जोर दिया जाय। मुख्य मंत्री जी ने वीडियो कांफेंसिंग के माध्यम से आयोजित ‘‘भू-जल सप्ताह‘‘ के समापन समारोह में प्रदेश के मण्डलायुक्त व जिलाधिकारियों, जल सत्याग्रहियों, वैज्ञानिकों आदि से सीधा संवाद करके जल संवर्द्धन के लिए हर बेहतर कदम उठाने और नागरिकों को जल संचयन के प्रति जागरूक करने पर बल दिया। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी आदि ने मा0 मुख्य मंत्री जी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सम्बन्धित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दियें।

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