लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह सड़कों, लघु सेतुओं, सड़कों के अनुरक्षण के साथ-साथ भवन निर्माण विंग को और अधिक मजबूत करें। सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार रू0 50 करोड़ से अधिक के भवनों का भी निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाना है, उपमुख्यमंत्री ने इसके लिये सक्षम एवं जागरूक सहायक अभियन्ताओं व अन्य अभियन्ताओं की एक नयी टीम व्यवस्थित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होने बताया कि भविष्य में अति महत्वपूर्ण बहुमंजिला भवनों एवं उच्चकोटि के वास्तुविदिक संरचनाओं का निर्माण एवं रख-रखाव लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना है।
श्री मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा भवनों के कार्य हेतु निविदाएं रू0 40 लाख तक निविदा प्रपत्र-टी-1, रू0 40 लाख से 5 करोड़ तक निविदा प्रपत्र-टी-2, तथा रू0 5 करोड़ से 50 करोड़ तक सी0पी0डब्लू0डी0 एवं रू0 50 करोड़ से अधिक लागत के भवनों की निविदा ई0पी0सी0 (म्दहपदममतपदह च्तवबनतमउमदज ब्वदेजतनबजपवद) प्रपत्रों के आधार पर आमंत्रित की जा रहीं है और इसके लिये विभाग में सक्षम, जागरूक, एवं अच्छे तकनीकी ज्ञानयुक्त अभियन्ताओं को लगाया जा रहा है।
उन्होने बताया कि सड़कों के निर्माण में नयी तकनीकी का प्रयोग करने में उ0प्र0 अग्रणी रहा है तथा अन्य प्रदेशों द्वारा लोक निर्माण विभाग उ0प्र0 का अनुकरण किया जा रहा है। नयी तकनीकी के उपयोग से लागत एवं सामग्री की खपत में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आती है तथा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को बढ़ावा मिलता है। नयी तकनीकी के प्रयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी है और नयी तकनीक के प्रयोग से गत दो वर्षों में रू0 2188 करोड़ की बचत की गयी है। – बी0एल0 यादव,
श्री मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा भवनों के कार्य हेतु निविदाएं रू0 40 लाख तक निविदा प्रपत्र-टी-1, रू0 40 लाख से 5 करोड़ तक निविदा प्रपत्र-टी-2, तथा रू0 5 करोड़ से 50 करोड़ तक सी0पी0डब्लू0डी0 एवं रू0 50 करोड़ से अधिक लागत के भवनों की निविदा ई0पी0सी0 (म्दहपदममतपदह च्तवबनतमउमदज ब्वदेजतनबजपवद) प्रपत्रों के आधार पर आमंत्रित की जा रहीं है और इसके लिये विभाग में सक्षम, जागरूक, एवं अच्छे तकनीकी ज्ञानयुक्त अभियन्ताओं को लगाया जा रहा है।
उन्होने बताया कि सड़कों के निर्माण में नयी तकनीकी का प्रयोग करने में उ0प्र0 अग्रणी रहा है तथा अन्य प्रदेशों द्वारा लोक निर्माण विभाग उ0प्र0 का अनुकरण किया जा रहा है। नयी तकनीकी के उपयोग से लागत एवं सामग्री की खपत में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आती है तथा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को बढ़ावा मिलता है। नयी तकनीकी के प्रयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी है और नयी तकनीक के प्रयोग से गत दो वर्षों में रू0 2188 करोड़ की बचत की गयी है। – बी0एल0 यादव,