डाला | जिलाधिकारी के निर्देश पर चोपन विकाश खण्ड कोटा ग्राम पंचायत के महिला प्रधान को धन गबन के आरोप में किया गया बर्खास्त , पांच साल के भीतर कोटा ग्राम मे पंचायत में दुसरी बार प्रशासनिक त्रिस्तरीय समिति गठन हुआ है|प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा ग्राम पंचायत बिना कार्य किए भुगतान के मामले को लेकर ग्राम पंचायत सदस्यों के द्वारा जिलाधिकारी को शपथ पत्र देकर शिकायत दिया की कोटा प्रधान अपने चहेत को काम देकर बिना गुणवत्ता के काम कराया और सरकारी धन की दुरुपयोग बताया गया था जिसके सन्दर्भ में जिला अधिकारी ने तीन सदस्यी टीम को गठित कर जॉच करायी गयी जॉच के उपरान्त एक करोड़ अठहत्तर लाख छब्बीस हजार एक सौ रुपये का घोटाला सामने आया, घोटाला सामने आते ही जिलाधिकारी द्वारा कोटा पंचायत के प्रधान व समस्त सदस्य को कारण बताओ नोटीस भी जारी किया गया ,जिसमे कोटा प्रधान द्वारा संतोष रहित जबाब न देकर शिकायत कर्ता पर ही आरोप लगाने लगे | टीम ने सच्चाई का पता लगा कर रिर्पोट जिला अधिकारी को सौपॉं जिसमे कोटा प्रधान मुरहिया देवी जिम्मेदार है रिर्पोट को देखते ही जिला अधिकारी ने मुकदमा पंजीकृत करा कर बित्तीय अनियमतिता एवं दुर्वनीयोग का दोषी पाये जाने के फल स्वरुप उत्तर प्रदेश पंचायति राज अधिनीयम 1947एवं संषोधित 1994 धारा की धारा (95)छः के तहत प्रधान पद के दायित्वो का निर्वहन व शक्तियों रे प्रयोग से वंचित कर तीन सदस्यी परेशान टीम का गठन कर दिया गया जिसमें वार्ड सात की विफो देवी,वार्ड तेरह अरुण कुमार व वार्ड दस के विशाल गुप्ता को चुना गया और अगले आदेश तक इन्हे ही बने रहते हुये पंतायत के विकाश कार्यो करने को कहा गया | कोटा प्रधान को पद से वंचित करने की खबर से छेत्र मे कहीं खुशी की लहर तो कही गम के बादल टुट पड़े ,साथ ही छेत्र मे तरह तरह की चर्चायें व्याप्त है|