लखनऊ 27 मई। सी आई आई के द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित ई-इंटरेक्शन के दौरान उद्योगपतियों से बात करते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया की लॉक डाउन के पूर्व औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की खपत 8600 मेगा वाट थी जो की अप्रैल में घट कर 3000 मेगा वाट रह गयी थी। तत्कालीन रीडिंग के अनुसार लॉक डाउन के पूर्व की तुलना में अभी की रीडिंग 85 फीसद है, जो की एक अच्छी बात है। उन्होंने यह भी बताया की सरकार, जापान, कोरिया, अमेरिका आदि से आने वाले निवेश के अवसरों पर भी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।
उद्योगपतियों के प्रश्नो के उत्तर देते हुए श्री महाना ने बताया की जो लेबर प्रदेश के अंदर ही अपने कार्य क्षेत्र के जिले में लौटना चाहते है, उन्हें किसी भी प्रकार के पास की आवश्यकता नहीं होगी और जो लेबर दूसरे राज्य में कार्यरत है उनके लिए पास की व्यवस्था की जाएगी, हालाँकि उत्तर प्रदेश सरकार उनके रोजगार की व्यवस्था राज्य में ही करने के लिए भी तत्पर है। उद्योगपतियों ने बताया की नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा गाजियाबाद के औद्योगिक इकाईयों में दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों से आने वाले श्रमिकों की समस्या के जल्द निवारण का आश्वासन दिया।
श्री महाना उद्योगपतियों से उनकी शिकायतें तथा सुझावों के सन्दर्भ में एमएसएमई साथी पोर्टल के माध्यम से दर्ज करने की अपील की। जिसको भुगतान सम्बन्धी मामले, परिचालन सम्बन्धी समस्याओं के त्वरित निवारण हेतु विकसित किया गया है। यह प्रणाली औद्योगिक विभाग को सम्बंधित विभागों से संभंधित प्रक्रियाओं के त्वरित निवारण हेतु सहायक होगी। उन्होंने बताया की अगले 3 वर्षो तक किसी भी एमएसएमई यूनिट को संचालित करने हेतु किसी भी प्रकार की विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सिर्फ उस एमएसएमई यूनिट को औद्योगिक विभाग को लिखित सूचना देनी होगी। उद्योगपतियों ने सरकार के इस पहल की सराहना करते हुए कहा की यह प्रदेश में व्यापार करने की सुगमता को और सुदृढ़ करेगा।
सी आई आई के चेयरमैन श्री अंकित गुप्ता ने केंद्र सरकार द्वारा दिए राहत पैकेज की प्रशंशा करते हुए कहा की यह प्रदेश तथा देश को आत्मा निर्भर बनाने में कारगर साबित होगा और साथ ही साथ इंडस्ट्री को भी बड़ी राहत देगा। उन्होंने कहा की लेबर निति में सुधार न सिर्फ समय की मांग है बल्कि देश में लेबर समीकरण को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण भी है।
सी आई आई उत्तर प्रदेश के वाइस चेयरमैन श्री सी. पी. गुप्ता द्वारा बताया गया की बुलंदशहर तथा गाजियाबाद के क्षेत्र में औद्योगिक इकाईओं को भूजल के अधिक उपयोग के कारण राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (छळज् ) द्वारा कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। श्री गुप्ता ने यह भी बताया की अब नयी तकनीक के आगमन से उस क्षेत्र की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सुगमता से कार्यरत है जिससे भूजल पर निर्भरता खत्म हो सकती है। इकाईओं को यह जल उपलब्ध कराकर प्रयोग में लाने की अनुमति प्रदान की जाये।
श्री राजेश सिक्का, चेयरमैन, सी आई आई वेस्टर्न यूं पी कौंसिल ने बताया की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण हेतु अनेको कदम उठाये जा सकते है जैसे बिजली के फिक्स्ड चार्जेज में छूट, आयुष्मान भारत के तहत म्ैप् भुगतान की माफी, कार्मिको को बोनस भुगतान को वैकल्पिक करना आदि। इसी क्रम में, श्री संदीप गुप्ता, वाईस चेयरमैन, सी आई आई वेस्टर्न यूं पी कौंसिल ने कुछ दूरगामी सुझाव भी बताये जैसे उद्द्योगो को सोलर निर्मित बिजली की उपलब्धि, एमएसएमई को कम दर पे लॉन्ग टर्म पूँजी की उपलब्धता, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्ट जैसे, सोलर पंप, सोलर लाइट्स, आदि के विनिर्माण पे पूंजीगत सब्सिडी तथा अधिक ळैज् वाले उत्पादों पे एक या दो वर्ष के लिए छूट प्रदान करना।