डाला। ओबरा वन प्रभाग के डाला वन रेंज के अंतर्गत तेलगुडवा वन चौकी के पास जंगलो का अवैध कटान रुकने का नाम नही ले रहा है।डाला रेंज का आंकड़ा देखे तो प्रतिदिन दर्जनों वेश कीमती पेडों की अवैध कटान सुनियोजित तरीके करके लकडी़यो की तस्करी की जाती है।
डाला रेंज के जंगल में पेड़ो की कटान जोरों पर है।इसकी खुलासा तब हुआ जब पर्यावरण कार्यकर्ताओं के सूचना पर मीडियाकर्मियों ने जब मौका ए पड़ताल की।स्थानीय लोगों की माने तो पेड़ की तना को बोटे में तब्दील कर कटानकर्ता मौका देखकर जंगल से निकाल लिया जाता है । जंगलो मे आसन, खैर, शीशम, सागौन, प्रसिद्धि व तेन्दू के पेड़ों की काटकर जगंल मे ही जगह जगह सील्ली बनाकर तस्करी की जा रही है, डाला बन रेंज लकडी तस्करी का मामला यह पहली बार नही है इसके पूर्व मे जंगलो से वेशकीमती लकडीयों को तस्करी की सूचना पर वन विभाग ने लकडीयों के बोटों को बरामद किया है। जहां लोगों को प्रशासन सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है ,वही कटान कर्ता बेख़ौफ़ होकर जंगलों में पेड़ो को निशाना बना रहे है यह लॉक डाउन मे डाला रेंज का अवैध कटान चरम पर है। डाला वन रेंज मे उच्च स्तरीय टीम की जांच हुई तो कई बन कर्मीयो पर गाज गिरना तय है।इस सन्दर्भ मे डीएफओ ओबरा प्रखर मिश्रा ने कहा की शिकायत की सूचना मिलि है, यह मेरे में जानकारी है, जांच कराकर सम्मलित बन कर्मीयो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इनसेट
कुछ माह पूर्व पर्यावरण प्रेमी रामजी दूबे ने डाला रेंज स्थित जंगलो के कटान व अवैध कब्जे की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर की थी, परन्तु वन अधिकारियों ने जांचोपरांत कब्जे धाकर से निजि बिबाद का आरोप लगाकर प्रतिवेदन की बात कहकर शिकायत पत्र खारीज कर दिया। जब ऐसी शिकायतो पर जब रक्षक ही भक्षक का रोल अदा करेगा तो जंगलो की रक्षा कौन करेगा। यह सवालिया निशान उठना लाजमी है।