सोनभद्र।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने 15 मई 2020 को गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद से 500 बसें और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चला कर लाकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों की उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अनुमति मांगी थी। इस सिलसिले में 18 मई 2020 को सायंकाल 1000 बसों की सूची अवनीश कुमार अवस्थी अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा मांगी गई। जो ईमेल के माध्यम से उन्हें तत्काल उपलब्ध करा दी गई थी।
परंतु टीवी चैनल पर एक साक्षात्कार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यह कहा गया कि 3 दिनों से हम बसों की सूची मांग रहे हैं जोकि सरासर झूठ है।
दिल्ली उत्तर प्रदेश बॉर्डर के गाजियाबाद नोएडा जैसी जगहों पर लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर मौजूद हैं मीडिया के माध्यम से इनकी विकट हालत पूरा देश देख रहा है। ऐसी दशा में 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी है।बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता है और एक घोर गरीब विरोधी मानसिकता की उपज है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है। ऐसा लगता नहीं है कि आप की सरकार विपदा के मारे हमारे उत्तर प्रदेश के श्रमिक भाई बहनों की मदद करना चाहती है।
हम जिला कांग्रेस के लोग इस आचरण की निन्दा करते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निन्दा प्रस्ताव लाया गया ।इस मौके पर ज्ञानेंद्र त्रिपाठी,सुशील पाठक, जगदीश मिश्रा, अरविन्द सिंह, कमलेश कुमार ओझा, जितेंद्र पासवान मौजूद रहे।