सतीश चंद्र मिश्रा

अदलहाट। एक ओर जहां पीएम मोदी और सीएम योगी श्रमिकों के लिए राहत के पिटारे खोल रहे वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान उनकी मंशा पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला मझवां ब्लाक के नरायनपुर गांव का है जहां बाहर से आए 50 के करीब श्रमिक क्वारन्टाइन हैं। जिनके लिए मात्र एक शौचालय है, वह भी गंदगी से बजबजा रहा है। मौके पर पड़ताल की गई तो श्रमिको का दर्द आंसुओं से बहाने छलक गया। श्रमिक बोले इससे अच्छा तो वहीं मर जाते जहां पहले थे। यहां न पानी है और न हीं सफाई की कोई व्यवस्था। यहां तक कि सभी श्रमिकों के परिवार वालों ने ही बिस्तर चारपाई की व्यवस्था की है। भोजन भी घर वाले पहुंचा रहे हैं जबकि सरकारी दावा है कि कम्युनिटी किचन से सबको भोजन मिलेगा कोई भूखा नहीं रहेगा। अब इस गांव के कम्युनिटी किचन का भोजन या मुर्गे की टांग कौन उड़ा रहा है यह सरकारी जांच का विषय है। इतना ही नहीं मजबूर और बेबस लाचार लोगों की पीड़ा जानने पहुंचे मीडियाकर्मी को भी दबंग प्रधान ने खरी खोटी सुना दी। गांव के पूर्व प्रधान किशोरीलाल पटेल और अन्य ग्रामीणों ने बताया श्रमिको की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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