उद्योगों को शुरू कराने और लोगों को पुनः रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता-औद्योगिक विकास मंत्री
उद्यमियों एवं निर्यातकों की सुविधा के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर 21 प्रकार की और सेवाएं जोड़ी गई
एमएसएमई की सुविधा के लिए साथी पोर्टल लांच किया गया
-औद्योगिक विकास मंत्री
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने आज मुरादाबाद एक्पोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वेबिनार के तहत संवाद स्थापित किया। उन्होंने उद्यमियों की समस्याएं सुनी और प्राथमिकता पर उनके निवारण का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों एवं श्रमिकों के साथ खड़ी है। उद्योगांे को शुरू कराने और लोगों को पुनः रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
श्री महाना ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के निर्णय की वहज से कोराना के विकराल स्वरूप से बचने में कामयाबी मिल रही है। प्रदेश की जनता इसमें पूरा सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अन्य प्रदेशों से यहां के मजदूरों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। साथ ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये है। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित उद्योगों को पुनः पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार ने श्रम से संबंधित कानून को शिथिल करते हुए 1000 दिनों तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि जब लेबर होगा, तभी इण्डस्ट्री चलेगी और रोजगार तभी मिलेगा जब उद्योग-धंधे चलेंगे। ये दोनो एक दूसरे के पूरक हैं। इसलिए सभी को मिलकर इस कठिन समय का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि उद्यमियों एवं निर्यातकों की सुविधा के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर 21 प्रकार की और सेवाएं जोड़ी गई हैं। उद्योगों के रिन्यूवल की अवधि को बढ़ा गया है। एमएसएमई की सुविधा के लिए साथी पोर्टल लांच किया गया है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वाहन किया कि वे हाॅट-स्पाट से लोगों को बुलाने और वहां जाने की जल्दी न करें। समय रखें और सरकार की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करें।
इस मौके पर उद्यमियों ने अवगत कराया कि मुरादाबाद जिले में लगभग 05 लाख श्रमिक और आर्टिजन्स कार्य करते हैं, जिनमें से 02 लाख से ज्याद ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। लाॅक-डाउन के कारण कई कारखान बंद है। ऐसी दशा में श्रमिकों को वेतन भुगतान में सरकार से सहयोग की अपेक्षा की गयी । साथ ही आर्टिजेंस के बिजली बिल को माफ करने, 45 वर्ष के ऊपर के कारीगरांे को पेंशन देने, 25 हजार तक का बीमा करने तथा आर्टिजन्स के बच्चों को 75 प्रतिशत छूट के साथ निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने जैसी मांगे रखी गईं। इसके अतिरिक्त उद्यमियों ने फिक्सड् रेट के स्थान पर वास्तविक रीडिंग पर बिल भुगतान, आयकर की दर में छूट तथा प्राइवेट लैब से कोविड-19 टेस्ट को मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया गया।