विधि विरूद्ध कनहर नदी में दिया खनन पट्टा हो निरस्त
पूर्व डीएम सोनभद्र अमित कुमार सिंह के खिलाफ कार्यवाही हो
सीएम समेत भारत सरकार को भेजा पत्रक
सोनभद्र 31 जनवरी 2020, हाईकोर्ट ने बार-बार प्रदेश में जारी अवैध खनन के जरिए प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए इसके लिए डीएम व एसपी को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करने और सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है। बावजूद इसके सोनभद्र जनपद में अवैध खनन के कारोबार पर रोक नहीं लग रही है। अभी हाल ही में दुद्धी तहसील के कोरगी और पिपरडीह गांव के बीच में कनहर नदी के अंदर भोपाल की कम्पनी आर0 एस0 आई0 स्टोन वल्र्ड प्रा0 लि0 को मोरंग खनन का पट्टा दिया गया और वह सुरक्षित वन क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के सड़क बनवाकर मोरंग का परिवहन कर रही है। जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और इस कम्पनी को विधि विरूद्ध लेटर आफ इंटेंट जारी करने वाले सोनभद्र के पूर्व डीएम अमित कुमार सिंह पर कार्यवाही के लिए स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्रक भेजा। इस पत्रक की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु सचिव वन एवं पर्यावरण भारत सरकार, प्रमुख वन संरक्षक भारत सरकार, प्रमुख सचिव पर्यावरण, खनिज कर्म, वन उ0 प्र0 और डीएम व एसपी सोनभद्र को भी भेजी गयी है। यह जानकारी स्वराज अभियान राज्य समिति सदस्य दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी अपनी विज्ञप्ति में दी।
अखिलेंद्र ने अपने पत्रक में कहा कि अवैध खनन के लिए कुख्यात सोनभद्र जनपद में अभी भी सरकार के संरक्षण में प्राकृतिक संसाधनों की लूट जारी है। पिपरडीह और कोरगी में दिए 32.338 हेक्टेयर के कनहर नदी के अंदर खनन पट्टे के नक्शे से साफ है कि नदी के दोनों किनारों के बीच में नदी के अंदर खनन की अनुमति दी गयी है। जो नदी के प्रवाह को बाधित करेगा, उसके धरातल को बर्बाद कर देगा और इसमें नदी की जलधारा के अंदर खनन किया जायेगा। जबकि उ0 प्र0 पर्यावरण विभाग द्वारा दी गयी अनुमति की धारा 5, 12 और 13 में स्पष्ट कहा गया है कि नदी की जलधारा के अंदर खनन नहीं होगा, नदी के धरातल और पेटे में खनन द्वारा व्यवधान नहीं डाला जायेगा और नदी के प्रवाह को बाधित नहीं किया जायेगा। इसलिए यह पर्यावरणीय अनुमति विधि के विरूद्ध है और निरस्त की जानी चाहिए।
पत्रक में कहा गया कि कोरगी की आराजी नम्बर 518 ग जिसमें खनन की अनुमति दी गयी है उस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमें चल रहे है। लेकिन खननकर्ता कम्पनी द्वारा इस जमीन या प्रोजेक्ट पर कोई मुकदमा लम्बित नहीं है की असत्य, गलत व कूटरचित सूचना उ0 प्र0 पर्यावरण विभाग को दी गयी जो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत आपराधिक कृत्य है। पत्रक में कहा गया कि इन सभी तथ्यों को जानते हुए भी पूर्व जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह द्वारा इस क्षेत्र में खनन हेतु विज्ञापन निकाला गया और खननकर्ता कम्पनी के पक्ष में लेटर आफ इन्टेन्ट जारी किया गया। जो हाईकोर्ट की भावना के विरूद्ध है और लोकसेवक के बतौर आपराधिक लापरवाही है। इसलिए पूर्व डीएम के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी पत्रक में की गयी।