पर्यावरणीय अनुमति का उल्लंधन कर दिया गया कनहर नदी में खनन पट्टा

सोनभद्र।पर्यावरणीय अनुमति का उल्लंधन कर दिया गया कनहर नदी में खनन पट्टा
कोरगी व पिपरडीह का खनन पट्टा तत्काल हो निरस्त, सीएम को देंगे पत्रक
नदी के अंदर दिया गया खनन पट्टा
सस्ती खनन सामग्री के लिए स्थानीय निवासियों को मिले खनन का अधिकार
सोनभद्र 19 जनवरी 2020, पर्यावरणीय अनुमति का उल्लंधन कर और तथ्यों को छुपाकर कोरगी और पिपरडीह में भोपाल की एक कम्पनी आर0 एस0 आई0 स्टोन वल्र्ड प्रा0 लि0 को मोरंग खनन का पट्टा दिया गया है।

जिसे निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्रक दिया जायेगा। यह बात आज राबटर््सगंज सिंचाई विभाग डाक बंगले पर आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर ने कहीं। उन्होंने उ0 प्र0 पर्यावरण विभाग द्वारा दी गयी अनुमति को दिखाते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि इस अनुमति की धारा 5, 12 और 13 में स्पष्ट कहा गया है कि नदी के पानी के अंदर खनन नहीं होगा, नदी के धरातल और पेटे में खनन द्वारा व्यवधान नहीं डाला जायेगा और नदी के प्रवाह को बाधित नहीं किया जायेगा। जबकि पिपरडीह और कोरगी में दिए 32.338 हेक्टेयर के खनन पट्टे के नक्शे से साफ है कि नदी के दोनों किनारों के बीच में नदी के अंदर खनन की अनुमति दी गयी है। जो नदी के प्रवाह को बाधित करेगा, उसके धरातल को बर्बाद कर देगा और इसमें नदी के पानी के अंदर खनन किया जायेगा इसलिए यह पर्यावरणीय अनुमति का स्पष्ट उल्लंधन है।
उन्होंने कहा कि कोरगी की आराजी नम्बर 518 ग जिसमें खनन की अनुमति दी गयी है उस पर मुकदमा इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है। लेकिन इस बात को खननकर्ता द्वारा उ0 प्र0 पर्यावरण विभाग को दिए तथ्यों में छुपाया गया और बिंदु संख्या 34 में कहा गया कि इस जमीन या प्रोजेक्ट पर कोई मुकदमा लम्बित नहीं है। जो अनुमति की धारा 60 के अनुसार पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत दण्डनीय अपराध है और गलत तथ्यों के आधार पर लिया गया पट्टा तत्काल निरस्त करना चाहिए। उन्होने पत्रकारों को पूर्व जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह के पत्रों को दिखाते हुए बताया कि सारे तथ्यों को जानते हुए भी उन्होंने नियम कानूनों का उल्लंधन करते हुए इस कम्पनी के पक्ष में लेटर आफ इन्टेन्ट जारी कर दिया। इसकी भी जांच कराने की मुख्यमंत्री से मांग की जायेगी।
उन्होंने कहा कि यह कहना कि कोरगी और पिपरडीह में बाहर से आयी कम्पनी को खनन देने से बालू मोरंग सस्ता होगा सच नहीं है। सोनभद्र की सच्चाई यह है कि इसी तरह की बाहरी कम्पनियां और सिडीकेट यहां खनन कराकर जनपद के प्राकृतिक संसाधनों को पिछले पंद्रह वर्षो से लूट रहे है और आम आदमी को सस्ता बालू, मोरंग और गिट्टी मिलने की जगह सबसे महंगी खनन सामग्री आज खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है और बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय क्षति भी उठानी पड़ी है। इसलिए उन्होंने मांग कि बाहरी कम्पनियों को लधु खनिजों का खनन देने की जगह जनपद की नदियों के किनारे बसे आदिवासियों, दलितों, मल्लाह, केवट, निषाद, बिंद आदि जातियों की सहकारी समितियों को खनन दिया जाये तभी आम जनता को सस्ती व सुलभ खनन सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।
पत्रकार वार्ता में स्वराज अभियान नेता राहुल यादव, जिला प्रवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह, ठेका मजदूर यूनियन के संयुक्त मंत्री मोहन प्रसाद, आदिवासी नेता जितेन्द्र लकड़ा आदि लोग उपस्थित रहे।
महेन्द्र प्रताप सिंह
जिला प्रवक्ता
स्वराज अभियान, सोनभद्र।

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