
जुगैल/सोनभद्र (अरविन्द दुबे)
*आजादी के बीते इतने वर्षों बाद भी नही पहुची किसी सफेद पोस राजनेता की नजर योगी के इस सरकार के हुक्मरानों को भी नही दिखी ये मूल समस्या*
एक तरफ जहां हर राजनैतिक दल विकास विकास की रट लगाए हुए हैं लाजमी भी है किंतु विकासखंड चोपन का ग्राम पंचायत खरहरा का टोला सिहरी इससे ईतर विकास की बुनियादी सुविधाओं से ही यहां का आम आदमी महफूज नहीं है हम जहां आज हाई टेक टेक्नोलॉजी बढ़ती प्रतिस्पर्धा में विश्व के कई विकसित देशों से अपनी तुलना तो अवश्य करते हैं लेकिन यदि गांव का देश भारत आज भी जिस गति से विकास की ऊंचाइयों को छूना चाहिए था उस गति को हम प्राप्त नहीं कर सके और इस कटु सत्य को हर व्यक्ति को मानना और स्वीकारना ही होगा एक बड़ी आबादी आज भी चुआड़ के पानी से अपनी प्यास बुझाता हो, जिसका जीता जागता उदाहरण आज सामने देखने को मिला विकासखंड चोपन के ग्राम पंचायत खराहरा के टोला सिहरी के लगभग 2 दर्जन से अधिक के परिवार सोन नदी के किनारे से चुआड़ का पानी पीने को मजबूर हैं। पानी पीने से लोग तमाम तरह के रोगों से ग्रसित हो जाएं यह कैसा विकास है यक्ष प्रश्न विकास के नाम पर यहां के भोले भाले आदिवासियों का शोषण ही किया गया है बेजुबान यह एक बड़ी आबादी शिक्षा के अभाव में इनके स्वर मुखरित ही नहीं हो सकेl और जनप्रतिनिधियों ने इन आदिवासियों को सिर्फ और सिर्फ छलने का ही काम किया है। जनपद में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा (पत्थर, बालू) वन, कोयला, बिजली के बावजूद क्षेत्र का विकास आखिरकार क्यों नहीं हो सका? चुनावों के दौरान विकास के लोभ लुभावने वादे तो बहुत किए गए लेकिन वादे सिर्फ वादे ही बनकर रह गए अब जबकि ग्राम सभा का चुनाव सन्निकट है ऐसे में एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों के साथ साथ अन्य प्रत्याशी भी विकास के नाम पर अपनी झोली फैलाए हुए देखे जायेगें लेकिन अब वह पहले वाली बात नहीं है अब यह पब्लिक है सब जानती है और छलावा से अपने को दूर रखने में ही अपना भला समझ रही है।
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