परीछा थर्मल पावर में फ्राड करके लिया गया लाखो रूपए का भुगतान

परीछा थर्मल पावर के लेखाधिकारी क्यो fir नही करा रहे है कही मिली भगत नही?

लेखा विभाग और लेखा अधिकारियो की मिली भगत से कही और कम्पनियों के भुगतान में फ्राड तो नही जो उन्हें मालूम न हो?

पेश है संजय द्विवेदी की खास रिपोर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के पारीछा थर्मल पावर पोजेक्ट में फर्जी ढंग से हुए लगभग 35 लाख रूपये के भुगतान का मामला इन दिनों सुर्खिया बनते जा रहा है। संविदाकार पहारपुर कुलिंग टावर लिमिटेड ने उत्पादन निगम को पत्र प्रेषित कर कहा है कि मेरे फर्म का भुगतान किसी अन्य खाते में कराकर पैसा हड़प लिया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम में अभी पीएफ घोटाले मामले का बादल छटा नही तब तक परीक्षा थर्मल पावर में लगभग 35 लाख रुपये की अधिकारियों के मिलीभगत से घोटाला सामने आया है।बताते चले कि पहारपुर कूलिंग टावर लिमिटेड बाराखम्भा रोड़ नई दिल्ली के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट राजीव सचदेवा ने उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमटेड परीक्षा थर्मल पावर प्रोजेक्ट झासी के मुख्य महाप्रबन्धक के नाम से पत्र व्यवहार करते हुये यह आरोप लगाया है पहारपुर कूलिंग टावर्स लिमिटेड ने उत्तरप्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमटेड परीछा परीछा थर्मल पावर प्रोजेक्ट में एक कूलिंग टावर्स परियोजना को अंजाम दिया है और नियमित रूप से आपके परियोजना को OEM के रूप में स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति कर रहा है।मेरे फर्म का रूपया 34 लाख 49 हजार एक सौ 56 रूपये का नेफ्ट कर फ्राड एकाउंट में भुगतान कर दिया गया है। जब मै अपने भुगतान के लिए परियोजना में जानकारी ली तो पता चला की भुगतान हो गया है।

संविदाकार ने कहा कि मै नियमित स्पेयर्स पार्ट्स की आपूर्ति परियोजना में करता हूं। मेरे फर्म का रूपया 34 लाख 49 हजार एक सौ 56 रूपये का नेफ्ट कर फ्राड एकाउंट में भुगतान कर दिया गया है। जब मै अपने भुगतान के लिए परियोजना में जानकारी ली तो पता चला की भुगतान हो गया है। जबकि मेरे खाते में यह पैसा आया ही नही है। इस संर्दभ में जब विस्तृत जानकारी ली गयी तो जानकारी हुआ की मेरे फर्म के नाम पर गलत तरीके से किसी अन्य द्वारा पत्र दिया गया था कि मेरा एकाउंट नंबर बदल गया है। अब फर्म का भुगतान इस एकाउंट नम्बर में किया जाए। जबकि मेरे फर्म द्वारा इस आशय का कोई पत्र जारी ही नही किया गया था। मै बराबर परियोजना के संपर्क में रहा। किसी भी अधिकारी द्वारा खाता नंबर बदले जाने वाले पत्र के संदर्भ में जानकारी नही दी गयी। URVUNL परीछा ने एक बड़ी राशि महत्वपूर्ण सूचना के सत्यापन की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसे खातों में विभिन्न तिथियों पर 34,49,156.00 स्थानांतरित करना बड़ी चूक दर्शता है।सूत्रों के मुताबिक इस शणयंत्र में लेखा विभाग कुछ लोगों का शामिल होना बताया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा इस घोटाले को लेकर जांच कमेटी भी गठित की गयी है।बताते चले कि लेखाविभाग द्वारा फ्राड होने के मामला उजागर होने के बाद भी अभी तक इस वावत कोई fir नही कराया गया।इससे साफ जाहिर हो रहा है कि संविदाकर के भुगतान में हिला हवाली करना मामले के रफा-दफा में लेख विभाग लगा हुआ।पीएफ घोटाले का मामला अभी सुर्खियों में ही है कि फ्राड करके हुए भुगतान को लेकर निगम में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।कही इस तरह की घटना अन्य संविदाकार के साथ तो नही हुआ है।इस संदर्भ में जब लेखा विभाग के अधिकारी कुशवाहा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बैंक अब तक 5 लाख रुपया रिकवरी कर ली शेष जल्द हो जाएगी।

संविदाकार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए भुगतान किये जाने की मांग की है।

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