लखनऊ । बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या और एक के बाद एक कुख्यात बंदियों के वीडियो वायरल होने की घटनाओं के बाद आखिरकार प्रदेश में हाईटेक व हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का रास्ता साफ हो गया है। डीजी कारागार आनन्द कुमार के पांच कारागारों को हाई सिक्योरिटी जेलों में तब्दील कर वहां चिह्नित कुख्यात बंदियों को रखे जाने के प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है।
लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, बरेली, चित्रकूट व आजमगढ़ जिला कारागारों को उच्च सुरक्षा जेल में तब्दील किया जाएगा। इन जेलों में तिहाड़ जेल की तर्ज पर तीन स्तरीय चेकिंग व सुरक्षा घेरा होगा। इन जेलों के मुख्य जेल में स्कैनर बैगज व फुल बॉडी स्कैनर समेत अन्य अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये चेकिंग की व्यवस्था होगी। इन जेलों में मुख्य द्वार के बाहर व जेल के भीतर सीसी रोड होगी और मोटरसाइकिल के जरिये पेट्रोलिंग की जाएगी। उच्च सुरक्षा बैरकों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
हर हाई सिक्योरिटी जेल में 100-100 उच्च सुरक्षा बैरक होंगी। मुलाकात घर में कांटेक्ट लेंस ग्लास विंडो होंगी। हर जेल में 150 तक सीसीटीवी कैमरे होंगे और हर संवेदनशीन स्थन की इलेक्ट्रानिक मानीटङ्क्षरग की जाएगी। इन जेलों में अतिरिक्त जेलकर्मियों की तैनाती कर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा का घेरा रखा जाएगा।
*हर जेल में रखे जाएंगे 200 कुख्यात*
डीजी जेल ने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेलों में एक हजार कुख्यात अपराधियों को कड़ी निगरानी में रखे जाने की तैयारी है। हर जेल में 200 कुख्यात अपराधियों को रखा जाएगा। समय-समय पर इन्हें एक हाई सिक्योरिटी जेल से दूसरे में भेजे जाने की व्यवस्था भी होगी। जिससे वे किसी एक जेल में अपना नेटवर्क न बना सकें। क्षेत्रवार भी बंदियों को उनके मूल निवास से सबसे दूर स्थित जेल में रखा जाएगा।