जयपुर पुलिस ने एक आधा दर्जन घरों को लूटने वाली शातिर चालबाज दुल्हन को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लाया गया ।
बताते चले कि किरण उर्फ मेघांशी सरोज एक और शिकार करने की तैयारी में थी। सब कुछ फिक्स हो चुका था बस शादी की शहनाई बजने ही वाली थी, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार कर जयपुर ले आई। उसके कुछ साथियों को पहले ही अरेस्ट कर लिया गया था और उनसे ही उसके बारे में जानकारी मिली थी। जयपुर में शास्त्री नगर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी।
शादी के बाद तीन दिन ही ठहरती थी दुल्हन
पकड़ी गई लुटेरी दुल्हन किरण उर्फ मेघांशी सरोज व गवाह कोमल यूपी के मेरठ की रहने वाली है। मेघांशी मूलत: आंध्र पदेश की रहने वाली है। वह पिछले कई माह से मेरठ में रह रही है। पुलिस ने दोनों से अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ कर रही है। एडीशनल डीसीपी धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि इस संबंध में पीड़ित लक्ष्मीनारायण ने मार्च माह में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह कुछ माह पहले किसी काम से सांभर गए थे। तब वहां पर महेश व सुरेश पटवा मिले थे। जिन्होंने उनकी शादी करवाने का झांसा देकर रुपए हड़प लिए और शादी करवाने के लिए दिल्ली ले गए। जहां एक पंडित से मिलवाया, जिसने किरण को दुल्हन बताते हुए पैसे लेकर शादी करवा दी। शादी करवाने के चार दिन बाद दुल्हन किरण जेवर व पैसे लेकर भाग गई। पुलिस ने मामले की जांच करके महेश, सुरेश पटवा, दीपचन्द, रामावतार व सपना को पहले ही अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया था।
रुपए भी खुद ही तय करती थी दुल्हन
शास्त्री नगर पुलिस ने बताया कि मेघांशी ही अपनी गैंग की लीडर थी। वह करीब छह महीन से मेरठ में थी। उसने जयपुर के अलावा दिल्ली, लखनऊऔर कई शहरों में शादियां रचाई थी और शादी के बाद तीन से चार दिन बाद ही सबकुछ समेटकर फरार हो जाती थी। वह उन लोगों को तलाश करती थी जिनकी उम्र ज्यादा हो जाती थी और शादी नहीं हो पाती थी। उसके बाद शादी करने के लिए रकम भी वह खुद ही तय करती थी और शादी करने के बाद फरार हो जाती थी। पुलिस का कहना है कि शादी के बाद रात के समय परिवार वालों को या तो कोई नशीला पदार्थ खिलाती थी या फिर मौका देखकर खुद ही फरार हो जाती थी।