डरी सरकार कर रही लोकतंत्र की हत्या
सोनभद्र, 12 अक्टूबर 2019।धरना-प्रदर्शन में लाउडस्पीकर को प्रतिबंधित करना तुगलकी फरमान है जिसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा। सोनभद्र में लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया को बाधित करने का शासन-प्रशासन का यह कदम इस क्षेत्र को अशांत करने का काम करेगा। इस प्रतिबंध के विरूद्ध सभी राजनीतिक दलों से वार्ता की जायेगी और शीध्र ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्ड़ल डीएम से मिलकर अपना प्रतिवाद दर्ज करायेगा। यह प्रतिक्रिया स्वराज अभियान के राज्य कार्यसमिति सदस्य दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी अपनी विज्ञप्ति में दी।
उन्होंने कहा हर मोर्चे पर विफल डरी हुई संघ-भाजपा की योगी सरकार असहमति और विरोध की हर आवाज को कुचलना चाहती है। इसी दिशा में धरना प्रदर्शन में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने का यह फैसला किया गया है। सच्चाई यह है कि पूरा प्रदेश अपराधियों व माफियाओं के हवाले हो गया है। आए दिन आम नागरिकों का कत्ल हो रहा है। आमतौर पर शांत रहने वाले सोनभद्र जनपद में तो निर्वाचित प्रतिनिधियों तक की हत्याएं हो चुकी है। खेती किसानी चैपट है, मनरेगा ठप्प पड़ी है, महंगाई की मार से आम आदमी पीड़ित है, बेरोजगारी चरम पर है, चहुओर विकास कार्यो में लूट मची है। ऐसे में सरकार व प्रशासन को पीड़ितों की आवाज सुनने की जरूरत थी ताकि लोगों का विश्वास लोकतांत्रिक व्यवस्था में बना रहे। लेकिन यह न करके राजनीतिक प्रक्रिया को बाधित करने का यह प्रयास सोनभद्र की शांति के लिए गम्भीर खतरा बनेगा।
उन्होंने चेताया कि पूर्व में भी भाजपा सरकार की दमनकारी नीति ने इस इलाके को अषांत किया था और नौजवानों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सुनवाई न होने के कारण हथियार तक उठा लिए थे। इस क्षेत्र में चले लम्बे लोकतांत्रिक आंदोलन से ही यहां शांति बहाल हो सकी और नौजवानों को मुख्य धारा में लाया जा सका है। इसलिए हर हाल में यहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयास पर रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन को यह लगता है कि धरना प्रदर्शन के कारण सरकारी काम में बाधा पड़ती है तो उसे राजनीतिक दलों व सामाजिक, नागरिक संगठनों को वैकल्पिक जगह बतानी चाहिए जहां वह अपनी आवाज व मांग को उठा सके और प्रशासन भी इस पर समुचित कार्यवाही कर सके। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करके और इसमें लोगों की सहभागिता से ही बेहतर शासन व प्रशासन संचालित किया जा सकता है न कि उसे बाधित करके।