श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठवे दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा कर इन्द्र भगवान के घमंड को तोड़ा

सोनभद्र । नवरात्र का महीना और श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का प्रवचन अपने आप मे सभी कष्टों को दूर कर धन,संवृद्धि,सुख,शांति देने वाला होता है।
राबर्ट्सगंज ब्लाक क्षेत्र के तियरा गांव में 30 सितंबर से चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण कथा सप्ताह के छठवें दिन शनिवार को इंद्र भगवान के घमंड को तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने गोवर्धन पर्वत की पूजा ब्रजवासियों से करने को कहा।

भगवान श्रीकृष्ण की बात मानकर ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा धूम-धाम से किया।जब इस बात की जानाकरी इंद्रदेव को हुई तो वे नाराज हो गए,और उन्होंने अखंड वारिश कराया,लगातार सात दिनों तक आंधी-तूफान भरी वारिश होती रही।वारिश तूफान देख लोग परेशान हो गए।तब श्रीकृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की जान बचाया।इंद्रदेव को पता चला तो वह समझ गए कि इतने बड़े विशाल गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाले भगवान विष्णु ही हो सकते है,आये और श्रीकृष्ण के चरणों मे गिरकर अपनी भूल के लिए माफी मांगा। तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है।

आचार्य विमल कुमार पांडेय द्वारा अद्भुत प्रवचन सुनकर भक्तगण भाव विभोर हो गए।प्रवचन के बाद महा आरती में भक्तगण भाव विभोर होकर झूमने लगे।इसके बाद फल प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।
बताते चलें कि भगवान दत्त मिश्रा ग्राम तियरा अपने पितरों को पितृपक्ष के उपरांत गया धाम करा कर आने के पश्चात नवरात्र प्रारंभ होते ही श्रीमद् भागवत गीता महापुराण कथा का श्रवण प्रख्यात विद्वान आचार्य विमल कुमार पांडेय द्वारा कर रहे हैं ।
जिसमें श्रीमद् भागवत गीता का प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक होता है।

प्रवचन सुनने के लिए भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ती है।
नवरात्र महीने में श्रीमद्भागवत गीता का श्रवण कर भक्तजन अपने सभी दुष्कर्म, पापों को दूर कर भगवान के चरणों में अमृत रूपी आशीर्वाद प्राप्त कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।इस अवसर पर विद्वान पंडित भाईलाल द्वीवेदी और पामा पंडित जी द्वारा लगातार जाप भी किया जा रहा है।

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