दुद्धी-सोनभद्र।(भीमकुमार)।वर्षों से चली आ रही हिन्दू मुस्लिम की एकता को आज भी श्रीरामलीला कमेटी दुद्धी ने कायम रख कर आपसी सौहार्द का परिचय दिया। एक ओर जहाँ लोग दोनो कौम के प्रति जो भी सोच रखते हों लेकिन दुद्धी में दोनों कौम में आपसी सौहार्द विशेष योगदान रखता है। इसका जीता जागता उदाहरण हिन्दू संगठन के आराध्य प्रभु श्रीराम जी की रामलीला में रावण महराज का पुतला का मुस्लिम परिवार के द्वारा बनाना। दशहरा मेला के दिन रामलीला मैदान पर जो आप श्रीराम रावण युद्ध की लीला में रावण महराज का पुतला देखते हैं वो कोई और नही बल्कि एक मुस्लिम द्वारा,प्रमुख हिन्दू संगठन श्रीरामलीला कमेटी के बुकिंग पर बनाया जाता है। पुतला निर्माण का कार्य मुस्लिम परिवार द्वारा कमेटी के लिए बहुत वर्षों से किया जा रहा है। पहले पुतले का निर्माण दुद्धी से लगे खजुरी गावँ के मुस्लिम परिवार द्वारा किया जाता था तब पुतले की ऊँचाई 10 से 15 फिट हुआ करती थी।
आज लोगों की मांग पर पुतले की ऊँचाई 51 फिट कर उसका निर्माण कराया जा रहा है।
जौनपुर केराकत के निवासी एखलाख व उनकी पत्नी रानी बेगम द्वारा रावण महराज के 51 फिट के पुतले का निर्माण किया जा रहा है । यह दम्पत्ति बड़े ही शौक व उत्साह से ससमय पुतले को निर्मित कर कमेटी को सुपुर्द कर देता है। पुतले की सजावट व सुंदरता के लिए ये भरपूर प्रयास करतें है कि कहीं कोई कमी न रह जाये । इस बाबत जब एखलाख जी से पूछा गया तो उन्होंने कहा की दुद्धी बहुत अच्छी जगह है । हम लोग यहां 4 वर्ष काम किये कोई दिक्कत नही हुई। कमेटी के लोगों का पूरा सहयोग व प्यार मिला। इसी कारण हम कहीं और पुतला बनाने का सट्टा नही लेते हैं।जब दुद्धी कमेटी मना कर देगी तब का बात कुछ और होगा।
रावण महराज के पुतले के निर्माण के बारे में जब श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र जायसवाल व महामंत्री आलोक अग्रहरि से बात किया तो बताया गया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह पुतला निर्माण का काम बहुत लंबे समय से खजुरी के मुस्लिम परिवार द्वारा किया गया। वर्ष 2015 में ऊँचा पुतला निर्माण बात होने पर जौनपुर निवासी एखलाख जी से सम्पर्क किया गया। प्रारम्भ वर्ष में पुतला 10से 15 फिट का ही बनता था लेकिन वर्ष 2015 में 41 फिट का बना। फिर वर्ष 2016,2017,व 2018 में 51 फिट का बना। पुनः इस वर्ष 2019 में 51 फिट का ही बन रहा है , लेकिन इस वर्ष पुतले का आकर्षण कुछ अलग होगा। इसके निर्माण में लगभग 40 से 45 हजार रुपये की धनराशि खर्च होने का अनुमान है।
मुस्लिम द्वारा पुतला निर्माण के बारे में पूछने पर कमेटी महामंत्री आलोक अग्रहरि ने बताया कि यह परंपरा आज की नही बल्कि बहुत पुरानी है जो हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को कायम बनाती हैं।
हम सब का उद्देश्य आपसी सौहार्द व समरसता को कायम कर प्रभु श्री राम जी के आदर्शों का आत्मसात करना है। श्री राम जी की सेवा जो भी चाहे कर सकता है। इसी कारण हम लोग भी अपने पुर्वजों की परंपरा को जीवंत रखने का भी प्रयास कर रहें हैं।