सोनभद्र। सूबे में योगी सरकार के मंत्री मण्डल विस्तार और नए बेसिक शिक्षा मंत्री के कार्य का असर जिले में भी देखने को मिला। प्रदेश के अति पिछड़े आठ जिलो में शामिल आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षको के प्रमाण पत्रों की जांच कराके कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।
आज बेसिक शिक्षाधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षको के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच नियुक्ति के बाद करायी जाती है और प्रमाण पत्रों की सत्यता के आधार पर ही आगे की कोई कार्रवाई की जाती है। आज जिले के 6 शिक्षकों का शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्ति की गई है।
जिन शिक्षको की सेवा समाप्ति की गई है उनमें आनन्द देव पाण्डेय पुत्र जटाशंकर देव पाण्डेय , निवासी वार्ड नम्बर 2 , हर्ष नगर , सोनभद्र नगर जिला सोनभद्र। यह शिक्षक विकास खण्ड चतरा के पिथौरी प्राथमिक विद्यालय पर प्रधानाध्यापक पद पर तैनात थे।इनके द्वारा वर्ष 2001- 02 और वर्ष 2002 – 03 में एक ही शैक्षणिक सत्र में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश और सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से दो उपाधि ग्रहण किया था। विकास खण्ड सदर के प्राथमिक विद्यालय बघोर की सहायक अध्यापिका कुमारी मीरा पुत्री लक्ष्मण यादव , निवासी परखौली , देवकली जिला बलिया , कुसुम लता पुत्री रामेश्वर ओझा निवासी मेउडी जिला मऊ , सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय मगरदहा विकास खण्ड चोपन और कुमारी सीमा पुत्री रामाश्रय , निवासी रतर चकलन , अतवलिया जिला बलिया , सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय बियार बस्ती विकास खण्ड दुद्धी। इन तीनो अध्यापिकाओ का बीएड शैक्षिक प्रमाण पत्र सत्यापनोपरांत फर्जी पाई गई , जिसके आधार पर इनकी सेवा समाप्ति किया गया। वही एसआईटी की जांच में विकास खण्ड दुद्धी में प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक पंकज कुमार सिंह पुत्र स्व. राजेन्द्र प्रसाद सिंह , निवासी रामरायपुर , भवानीपुर , चुनार जिला मिर्जापुर और सदर विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय परासी पाण्डेय की प्रधानाध्यापिका दिव्या पुत्री हरिशंकर सिंह निवासी हिनौती , डोहरी चुनार जिला सोनभद्र का आगरा विश्व विद्यालय स बीएड की डिग्री वर्ष 2005 की फर्जी पाई गई है। इस कारण इन लोगो की सेवा समाप्ति की जाती है।