सिगरौली।एम॰ के॰ प्रसाद ने भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफीलड्स लिमिटेड (एनसीएल) के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है। एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री पी॰ के॰ सिन्हा एवं निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय ने सोमवार को एनसीएल मुख्यालय में श्री प्रसाद का कंपनी में हार्दिक अभिनंदन किया। श्री प्रसाद वर्तमान में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) का पद संभाल रहे हैं।
ओपनकास्ट एवं अंडरग्राउंड कोल माइनिंग के क्षेत्र में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले श्री प्रसाद एनसीएल में खड़िया, दुधीचुआ और बीना कोयला क्षेत्रों के महाप्रबंधक भी रह चुके हैं और उनकी कार्यअवधि में इन कोयला क्षेत्रों ने उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की। उनके कार्यकाल में बीना का कोयला उत्पादन 4.5 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़कर 7.5 मिलियन टन, दुधीचुआ का कोयला उत्पादन 10.9 मिलियन टन से बढ़कर 15.5 मिलियन टन और खड़िया क्षेत्र का उत्पादन 8.8 मिलियन टन से बढ़कर 11.40 मिलियन टन तक चला गया।
अपनी अद्भुत प्रशासनिक एवं प्रबंधकीय क्षमताओं के लिए जाने जाने वाले श्री प्रसाद ने वर्ष 1985 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से माइनिंग इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली और इसी वर्ष कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी सीसीएल में बतौर माइनिंग इंजीनियर अपनी सेवाओं की शुरुआत की। सीसीएल के बाद उन्होंने एसईसीएल में अपनी सेवाएं दीं और एसईसीएल के अपने कार्यकाल में वे 6 वर्षों से अधिक समय तक भारत के सबसे बड़ी कोयला खदान ‘गेवरा’ ओसीपी के माइंस मैनेजर भी रहे और इस अवधि में गेवरा का वार्षिक कोयला उत्पादन 19 मिलियन टन से बढ़कर 35 मिलियन टन हो गया।
अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कोयला उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाए जाने पर विशेष जोर देने वाले श्री प्रसाद एनसीएल एवं सीसीएल के सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) विभाग से भी जुड़े रहे हैं और उनके कार्यकाल में इन कंपनियों में कई आईटी इनिशिएटिव्स की शुरुआत हुई है। श्री प्रसाद ने वर्ष 1994 में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रोग्राम के तहत ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। साथ ही, वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया गई कोल इंडिया की बिज़नेस डेलीगेशन टीम की अगुआई की।