जांच टीम को वन भूमि पर लहलहाती मिली अरहर उर्द की फसल
वन प्रभाग रेनुकूट के म्योरपुर रेंज स्थित फरीपान जंगल का मामला
म्योरपुर सोनभद्र
वन प्रभाग रेनुकूट के म्योरपुर रेंज क्षेत्र के फरीपान पूर्वी देवहार के जंगल क्षेत्र में कब्जा कर हल चलाते दिल शाह,और बबलू गोड की वन विभाग की टीम ने शनिवार को मौके पर पकड़ लिया और रेंज कार्यालय लेकर वन अधिनियम के तहद मुक़दमा पंजीकृत किया है।वही 5 विघा वन भूमि पर कब्जा कर तिल्ली अरहर ,उर्द की फसल बोने वाले को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया और फसल नष्ट कर उसमें पौध रोपण की तैयारी की जा रही है।वन दरोगा विजेंद्र सिंह ने बताया कि चरवाहों की सूचना पर यह कारवाही की गई है बताया कि वन भूमि से कब्जा हटा दिया गया है।चरवाहों ने 20 दिन पहले भी सूचना मंडल प्रभारी खनन और वन संरक्षण एस डी ओ पिपरी मन मोहन मिश्र को दी थी लेकिन वन रक्षक ने वन दरोगा और रेंजर को बताया कि कब्जे वाले वन भूमि पर बाबुल और खैर के बीज बो दिया गया ।शुक्रवार को जब चरवाहों ने देखा कि बबूल की जगह अरहर की फसल दिख रही तो ड़ी एफ ओ एम पी सिंह को जानकारी दी।श्री सिंह ने मामले को गम्भीरत से लेते हुए जिमेदारो को फटकार लगाई और कारवाही का आदेश दिया।इसके बाद शनिवार को सुबह सात बजे ही टीम मौके पर पहुँच कर कार्यवाही की तो कब्जा करने वालो में हड़कंप मच गया। वन दरोगा विजेंद्र ने सेल फोन पर बताया कि वन भूमि से कब्जा हटा दिया गया है।
होम गार्ड ने जोत ली 12 विघा वन भूमि ,
म्योरपुर सोनभद्र/म्योरपुर रेंज के पूर्वी देवहार चितपहरी पहाड़ी के पूरब एक होम गार्ड ने 12 बीघा वन भूमि पर कब्जा कर उसमें अरहर की बुआई कर दी। इसका खुलासा वन रक्षक पांडेय ने शनिवार को किया और बताया कि उसकी फसल भी उखाड़ दी गयी है और आरोपी होमगार्ड की तलाश की जा रही है।वही स्थानीय सूत्रों की माने तो जून माह में होम गार्ड और वन रक्षक की दोस्ती थी उसी के आड़ में होमंगार्ड ने वन भूमि कब्जा कर ली मामले का खुलासा होने पर अब होमंगार्ड भागे फिर रहा है।
चरवाहों को वन भूमि पर कब्जा करने वालो ने दी गर्दन उड़ाने की धमकी
म्योरपुर सोनभद्र/शनिवार को वन विभाग की टीम द्वारा कब्जा हटाने और और दो लोगो के गिरफ्तार करने के बाद कब्जा करने वाले लोगो के परिजनों ने चरवाहों को मारने पीटने और गर्दन उतारने की धमकी दी है।और जंगल पशु चराने जाने से मना कर दिया ।नाम न छापने की शर्त पर चरवाहों ने बताया कि मामले की सूचना बभनी थाने को दे दी गयी है।चरवाहों ने बताया कि वन विभाग को जब फोन पर सूचना दी गयी तो कब्जा करने वालो को हम लोगो का नाम कैसे पता चला।आरोप लगाया कि यह सब वन रक्षक की मिली भगत के कारण नाम सार्वजनिक किया गया है।