दुद्धी।(भीमकुमार) दुद्धी,विंढमगंज,म्योरपुर एवं बभनी थाना क्षेत्र के कई रसूखदारों के बीच अक्सर खूनी संघर्ष जैसे हालात उत्पन्न होते रहते है। संभ्रान्त कहे जाने वाले परिवारों में खेतिहर जमीन को लेकर विवाद इस कदर बनी हुई है कि वे एक दूसरे को मात देने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दिए है। मामला रसूखदारों से जुड़ा होने के कारण तहसील प्रशासन एवं इलाकाई पुलिस भी मामले से पल्ला झाड़े रहती है।
तहसील क्षेत्र में चर्चित भूमि विवाद का एक मामला म्योरपुर थाना क्षेत्र के कुदरी गांव का है। जायसवाल परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस मामले में करीब एक सौ बीस बीघा भूमि पर खानगी बटवारा के हिसाब से लोग बीते पांच-छह दशक से अपना जोत-कोड़ करते चले आ रहे है। बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गांव की सत्ता हाथ आते ही प्रधान का नियत बदल गया। वह अपने हिस्से के बीस बीघा के बजाय साठ बीघे जमीन पर कब्जा करने का प्रयास शुरू कर दिया। उसके खिलाफ व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखने वाले पक्षकारों ने मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की गुहार लगाना शुरू किया तो वह अपने धन एवं बाहुबल के जरिये विपक्षी की मंशा कामयाब नहीं होने दिया। आलम यह है कि दो साल से उस भूमि को लेकर मचे घमासान में प्रधान ने विपक्षी खेमे में मदद करने वाले ग्रामीणों पर शिकंजा कस दिया है। गांव में प्रधान के विपक्षी खेमा के खेत में काम करने के लिए कोई मजदूर भी नहीं मिल रहा है। पीड़ित पक्षकारों ने तो यहां तक आरोप लगाया कि प्रधान की दबंगई इस कदर बढ़ गई है कि वे बीते धान की काटी फसल को एक दारोगा की मदद से अपने कब्जे में ले लिया।
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