डा.रीना सिंह मर्डर में आरोपी को थाने में मिली थी वीवीआईपी सुविधा, डा.आलोक के समर्थकों ने मीडियाकर्मियों से किया था दुर्व्यवहार
वाराणसी। डा.रीना सिंह मर्डर केस के आरोपी डा.आलोक सिंह को कैंट थाना प्रभारी द्वारा वीवीआईपी सुविधा देना भारी पड़ गया है। खबर चलने के बाद एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कैंट थाना प्रभारी राजीव सिंह को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया। दूसरी तरफ डा.आलोक सिंह को सीजेएम पशुपति नाथ मिश्रा की अदालत में पेश किया गया था, जहां से आरोपी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
2 जुलाई को कैंट थाना क्षेत्र के टैगोर टाउन में डा.रीना सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में छत से गिरने से मौत हो गयी थी। इस मामले में डा.रीना सिंह के पति रंगनाथ सिंह ने अपने दामाद डा.आलोक व उनके माता-पिता पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही डा.आलोक सिंह अपने परिवार के साथ फरार हो गये थे। डा.आलोक सिह के जीजा एमपी सिंह आईएएस है और एक राज्यमंत्री के बेहद खास बताये जाते हैं। डा.रीना मर्डर में पुलिस की भूमिका शुरू से ही सवालों के घेरे में थी। रंगनाथ सिंह का आरोप है कि पुलिस ने डा.आलोक सिंह को अपना बचाव करने का पूरा मौका दिया था। मीडिया ने इस मामले को लगातार उछाला तब जाकर पुलिस ने कोर्ट से कुर्की का आदेश लायी थी। गुरुवार को सुबह डा.आलोक सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। कैंट थाना प्रभारी राजीव सिंह ने थाने में 302 के आरोपी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया था। डा.आलोक के लिए पानी की बोतल, नमकीन, बिस्किट व चाय मंगवाई गयी थी। हमने पुलिस की इस भूमिका पर सवाल उठाया तो एसएसपी ने कैंट थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया।
*डा.आलोक सिंह के सर्मथकों ने मीडियाकर्मियों के साथ किया था दुर्व्यवहार
डा.आलोक सिंह के सरेंडर करने की जानकारी मिलते ही कैंट थाना के सामने मीडिया के लोग जमा हो गये थे। कैंट थाना प्रभारी राजीव सिंह खुद डा.आलोक सिंह को लेकर कोर्ट जाने के लिए थाने से निकले थे। थाने के बाहर डा.आलोक सिंह के समर्थकों ने पुलिस के सामने ही मीडियाकर्मियों से दुर्व्यवहार किया था लेकिन पुलिस हाथ बांधे हुए खड़ी रही। इस बात की शिकायत भी एसएसपी तक पहुंची थी और उन्होंने तुरंत ही थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई कर दी।